घड़ियों का क्या फायदा बताएं अधिकारी
स्मार्ट घड़ियों के लिए गठित हुई कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को हुई।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्मार्ट घड़ियों के लिए गठित हुई कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को हुई। जिसमें कमेटी ने स्मार्ट घड़ियों की सप्लाई करने वाली कंपनियों के साथ हुए एमओयू की प्रति मांगी है। अधिकारियों को यह भी कहा कि जब से कर्मचारियों को घड़ियां दी गई है तब से नगर निगम को क्या फायदा हुआ है। अगर कोई फायदा नहीं हुआ है तो फिर यह घड़ियां लेने की क्या जरूरत है। इस समय नगर निगम हर माह चार हजार कर्मचारियों की घड़ी के लिए हर माह 17 लाख रुपये का किराए का भुगतान कर रही है। कमेटी की बैठक में पूर्व मेयर आशा जसवाल, राजेश कालिया और मनोनीत पार्षद सचिन लोहटिया ने भाग लिया। राजेश कालिया ने बताया कि अधिकारियों से कुछ सवाल पूछे गए हैं, जिनके जवाब आने पर फिर से अगले वीरवार को कमेटी की बैठक बुलाई गई है। यह कमेटी इस माह होने वाली सदन की बैठक में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट आने के बाद सदन अंतिम फैसला लेगा। मालूम हो कि 29 अक्टूबर को होने वाली सदन की बैठक में पार्षदों ने भी घड़ियों की कारगुजारी पर सवाल खड़ा किया था। पिछले माह स्मार्ट घड़ियों को वापस करने के मुद्दों पर सफाई कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल की थी। तीन करोड़ से ज्यादा राशि करनी होगी वापस
अगर यह प्रोजेक्ट खारिज किया जाता है तो कंपनियों को तीन करोड़ से ज्यादा की राशि दी जाएगी। कंपनी ने जो घड़ियां दी है, प्रति घड़ी की कीमत आठ हजार रुपये है। इस समय नगर निगम इन घड़ियों का हर माह 18 लाख रुपये के किराए का भी भुगतान कर रहा है। इस समय सफाई कर्मचारियों ने घड़ी पहनने से मना कर दिया है। सफाई कर्मचारी यूनियन ने धमकी दी हुई है कि अगर घड़ियां वापस न ली गई तो वह फिर से हड़ताल करेंगे।