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    चंडीगढ़ के स्कूलों में Google Map से होगी एडमिशन, शिक्षा विभाग ने अपनाई नई नीति, गरीब बच्चों को फायदा

    By Sumesh KumariEdited By: Ankesh Thakur
    Updated: Sat, 05 Nov 2022 07:26 AM (IST)

    School Admission Google Map चंडीगढ़ के स्कूलों में गूगल मैप से स्टूडेंट्स का दाखिला होगा। यह पढ़ने और सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन ये सच है। ...और पढ़ें

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    चंडीगढ़ के निजी स्कूलों में एडमिशन गूगल मैप से होगी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के निजी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन गूगल मैप से होगा। अब आप यह सोच रहे हैं कि स्कूलों में गूगल मैप से एडमिशन कैसे होगा, तो चलिए आपको बताते हैं कि यह नया सिस्टम कैसे काम करेगा और किन बच्चों का दाखिला गूगल मैप के जरिए होगा।  

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    शहर में 80 के करीब प्राइवेट स्कूल हैं। इन स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) कोटे के तहत हर स्कूल में 25 प्रतिशत गरीब परिवार के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है। लेकिन निजी स्कूल मनमानी करते हुए नियमों की अनदेखी करते हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग ने ईडब्ल्यूएस कोटे के स्टूडेंट्स को एडमिशन प्रक्रिया गूगल मैप के जरिए शुरू की है। 

    अब निजी स्कूलों में इन बच्चों की दाखिला प्रक्रिया पहली बार गूगल मैप से होगी। इसके लिए आवेदक को आवेदन करने के साथ स्थायी पता आनलाइन अपलोड करना होगा। इसके आधार पर शहर के निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिला मिलेगा। शिक्षा विभाग ने पुणे, दिल्ली और उत्तराखंड में चल रही दाखिला प्रक्रिया को अपनाया है। इसके तहत दाखिले के लिए आनलाइन आवेदन करना होता है, जिसके बाद गूगल मैप खुद स्कूल से घर की दूरी की जांच करेगा और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार विद्यार्थियों को आनलाइन दाखिला देगा।

    गूगल मैप में पहले पांच सौ मीटर उसके बाद एक किलोमीटर और फिर तीन किलोमीटर के दायरे में रहने वालों को दाखिला में प्राथमिकता मिलेगी। इसके बावजूद सीटें बचने पर चार किलोमीटर तक के दायरे में रहने वाले विद्यार्थियों को दाखिला मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने इस नीति को अपनाया है।

    गलत जानकारी पर कोई भी दर्ज करवा सकता है आपत्ति

    आवेदन करने के बाद आवेदक के स्थायी पत्ते से लेकर उसकी आमदनी की जानकारी शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक होगी। गलत जानकारी होने पर कोई भी व्यक्ति आपत्ति दर्ज करवा सकता है, जिसकी जांच होने के बाद आरोपित पर कानूनी कार्रवाई होगी।

    रेंट डीड नहीं होगी मान्य

    ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत होने वाले दाखिलों में इस बार नोटरी से बनाया गया रेंट डीड मान्य नहीं किया गया है। स्थायी पत्ते के लिए अभिभावक के पास राशन कार्ड, वोटर कार्ड, बिजली बिल, गैस कनेक्शन की कापी अनिवार्य की गई है।

    पंचकूला और मोहाली के विद्यार्थियों को होगी मुश्किल

    शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार पूरी क्लास के विद्यार्थियों में से 25 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के विद्यार्थी होते हैं। विद्यार्थियों की फीस स्थानीय प्रशासन या राज्य सरकार वहन करती है। शहर के स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का भुगतान चंडीगढ़ प्रशासन करता है, किसी दूसरे राज्य के विद्यार्थी का भुगतान प्रशासन नहीं करता। ऐसे में इस बार दिसंबर में होने आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी दाखिले में पंचकूला और मोहाली के विद्यार्थियों को दाखिला नहीं मिल सकेगा।

    गलत आय की जानकारी का मामला जिला अदालत में विचाराधीन

    गूगल मैप और आनलाइन दाखिला नीति अपनाने का मुख्य कारण जिला अदालत में चल रहा स्थानीय निजी स्कूलों की ओर से दायर कोर्ट केस है। स्कूल ने स्टूडेंट्स के अभिभावकों पर आरोप लगाया था कि परिवार आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी में नहीं आता, क्योंकि कई स्टूडेंट्स के माता-पिता गैर सरकारी कामकाजी है। मामला अभी जिला अदालत में विचाराधीन है।

    दिसंबर में होगा ईडब्ल्यूएस श्रेणी के दाखिले

    शहर के निजी स्कूलों में दिसंबर के तीसरे सप्ताह में आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के विद्यार्थियों के दाखिला होंगे। इनके एक सप्ताह बाद अल्पसंख्यक स्कूलों में और तीसरे सप्ताह में सामान्य दाखिले का शेड्यूल जारी होगा।

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    "शहर के गरीब तबके के बच्चों को लाभ देने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के तहत दाखिला प्रक्रिया को आनलाइन किया है। हमारा प्रयास शहर के ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ देना है।

                                                                 -हरसुहिंदरपाल सिंह बराड़, निदेशक, स्कूली शिक्षा