पंजाब की मंत्री रजिया सुल्तान बोलीं- ट्रांसपोर्ट माफिया के बारे में सबको पता, जल्द खात्मा करेंगे
पंजाब की परिवहन मंत्री रजिया सुल्तान ने कहा कि राज्य ट्रांसपोर्ट माफिया कौन है यह सबको पता है। राज्य से ट्रांसपोर्ट माफिया को समाप्त किया जाएगा। इसके लिए कदम उठाए गए हैं और कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार का कार्यकाल समाप्त होने तक माफिया को खत्म कर दिया जाएगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब की ट्रांसपोर्ट मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा, राज्य में ट्रांसपोर्ट माफिया कौन है यह सभी को पता है और मुझे भी। मेरे पास कोई अलाद्दीन का चिराग नहीं, जिससे सब कुछ ठीक कर दिया जाए। इसमें समय लगता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के पांच साल खत्म होने से पहले पंजाब में माफिया राज खत्म हो जाएगा।
रजिया सुल्ताना पत्रकारों से बातचीत में परिवहन व्यवस्था को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। इस दौरान मंत्री व विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के शिवा प्रसाद यह नहीं बता सके कि एक परमिट पर एक से ज्यादा बसे चलाने के मामले में विभाग द्वारा कितने चालान काटे गए। परिवहन मंत्री रजिया सुल्तान ने यह जरूर कहा कि उनके पास ऐसी सूचनाएं हैं।
ट्रांसपोर्ट पालिसी नहीं लागू कर पाने व बसों का नया टाइम टेबल नहीं बना पाने को लेकर रजिया सुल्ताना का कहना है, मामला हाईकोर्ट में है। जिस दिन फैसला आ गया, पालिसी भी लागू हो जाएगी और टाइम टेबल भी बन जाएगा। मंत्री ने बताया कि ट्रांसपोर्ट माफिया पर अंकुश लगााने के लिए बसों पर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) लगाया जाएगा। इससे बसों की पूरी ट्रैकिंग होगी। इससे पता चलेगा कि बस कहां है, कहां रुकी, कितनी देर रुकी। वीटीएस पहले सरकारी और उसके बाद प्राइवेट बसों में भी लगाए जाएंगे।
केजरीवाल को पत्र लिखा, जवाब नहीं आया
परिवहन मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा कि पंजाब की बसों के दिल्ली एयरपोर्ट तक जाने को लेकर उन्होंने दो बार दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस संबंध में पत्र लिखा है लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि कोविड से पहले भी एक डीओ लैटर लिखा, जिसकी कापी आप के सांसद भगवंत मान को भी भेजी थी। इसके बावजूद दिल्ली सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है।
5000 मिनी बसों के परमिट होंगे जारी
परिवहन मंत्री ने बताया कि पांच हजार मिनी बसों के परमिट जारी करने की प्रक्रिया मार्च 2021 तक पूरी कर ली जाएगी। इसके साथ ही बड़ी बसों के परमिट जारी करने की प्रक्रिया भी मार्च से शुरू कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि मौजूदा साल में पनबस के लिए 350 और पीआरटीसी के लिए 250 बसें खरीदी जाएंगी।
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