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पर्यावरण बचाने में बच्चों की अहम भूमिका, इसलिए सरणजीत कौर उन्हें करती है तैयार Chandigarh News

सरणजीत कौर के मुताबिक पर्यावरण को बचाने के लिए जितने प्रयास युवाओं और बुजुर्गों को करने की जरूरत है उससे कहीं ज्यादा बच्चों को इसके प्रति जागरूक करना अनिवार्य है।

By Edited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 10:26 PM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 10:12 AM (IST)
पर्यावरण बचाने में बच्चों की अहम भूमिका, इसलिए सरणजीत कौर उन्हें करती है तैयार Chandigarh News
पर्यावरण बचाने में बच्चों की अहम भूमिका, इसलिए सरणजीत कौर उन्हें करती है तैयार Chandigarh News

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। पर्यावरण को बचाने के लिए जितने प्रयास युवाओं और बुजुर्गों को करने की जरूरत है, उससे कहीं ज्यादा बच्चों को इसके प्रति जागरूक करना अनिवार्य है। यदि बच्चे बचपन से ही प्रकृति के बारे में जागरूक होंगे तो वह जीवन भर पर्यावरण बचाव का काम करेंगे। इसी सोच के साथ प्रकृति प्रेमी सरणजीत कौर स्कूली बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रही है।

सरणजीत कौर भवन विद्यालय स्कूल सेक्टर-33 में टीचर हैं, लेकिन वह बच्चों को किताबी ज्ञान देने के साथ प्रकृति से जोड़ने और उसके फायदों के भी अवगत करा रही है। बच्चों से पौधों की कराती हैं परवरिश भवन विद्यालय स्कूल के अंदर ईको क्लब वसुधंरा का निर्माण किया गया है। जिसकी इंचार्ज सरणजीत कौर हैं। सरणजीत ने बताया कि स्कूली बच्चों को साथ लेकर क्लब में काम किया जाता है। स्कूल के अंदर हर्बल गार्डन बना है। जहां पर माली या फिर खुद बच्चों के साथ काम करके दिखाया जाता है। इसमें बच्चों को बताया जाता है कि पौधा किस प्रकार से बोया जाता है। उसके बाद किस प्रकार से उसमें मिट्टी डालकर प्लास्टिक की थैलियां में तैयार किया जाता है। कितने दिनों के बाद एक छोटे पौधे और एक बड़े पेड़ को पानी देने की जरूरत होती है।

स्कूल में लीफ मोल्ड खाद को किया है तैयार
सरणजीत ने बताया कि पर्यावरण से प्यार बचपन से ही था लेकिन जब स्कूल में टीचिंग के लिए आई तो सात साल पहले मुझे ईको क्लब इंचार्ज बनाया गया। उसके बाद मैंने हर्बल गार्डन का निर्माण किया। वहीं से मैंने लीफ मोल्ड खाद का निर्माण कार्य भी बच्चों के साथ मिलकर करना शुरू कर दिया। आज 80 किलो के करीब हर महीने खाद तैयार की जा रही है। यह खाद पेड़ों से गिरे हुए पत्तों से बनाई जाती है। जिसका इस्तेमाल स्कूल में लगे हुए अन्य पौधों को उगाने के लिए किया जाता है।

पेपर रिसाइकिल का कर रही है काम
सरण ने बताया कि लीफ मोल्ड खाद तैयार करने के अलावा पेपर रिसाइकिल का भी काम रहा रही है। सरण ने कहा कि बच्चों को बेकार पेपर को इधर-उधर फेंकने के बजाए इकट्ठा करने का टारगेट दिया जाता है। पेपर को देने के बाद बदले में कुछ पेपर चार्ट और पेंसिल मिलती है जोकि जरूरतमंद बच्चों को बांटी जाती है। हर महीने सैकड़ों बच्चों को इससे शिक्षा में भी लाभ हो रहा है और पेपर बनाने के लिए बर्बाद हो रहे संसाधनों को भी बचाया जा रहा है।

हर साल पांच हजार हर्बल पौधों का करती हैं वितरण
स्कूल स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने के अलावा सरण हर साल पांच हजार के करीब हर्बल पौधों को फ्री में वितरित करती है। यह पौधे स्कूल में ही तैयार किए जाते हैं। जो कोई हर्बल गार्डन तैयार करने का इच्छुक हो उसके यह पौधे फ्री में दे दिए जाते है। हर्बल गार्डन बनाने में भी गाइडेंस भी लोगों को दी जाती है। ताकि ज्यादा से ज्यादा हर्बल गार्डन का निर्माण शहर में हो सके।
 

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