तीन महीने में ही खराब हुआ इंजन, अब कस्टमर को देना होगा नया ऑटो
आटो खरीदने के सिर्फ तीन महीने बाद इंजन खराब होने के मामले में कंज्यूमर कोर्ट ने संबंधित डीलर को नया आटो देने या पैसे लैटाने का आदेश दिया है।
जासं, चंडीगढ़ : आटो खरीदने के सिर्फ तीन महीने बाद इंजन खराब होने के मामले में कंज्यूमर कोर्ट ने संबंधित डीलर को नया आटो देने या पैसे लैटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला नया गांव के रहने वाले राज कुमार की शिकायत पर सुनाया है।
राजकुमार ने 20 मई 2016 को इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित प्लाट नंबर-128 जीएमपी मोटर्स से ऑटो खरीदा था। ऑटो इंडस्इंड बैंक से फाइनेंस पर लिया था। तीन महीने बाद ही ऑटो का इंजन खराब हो गया। ऑटो खरीदते समय 1,61,500 रुपये अदा किए गए थे।
उपभोक्ता ने मेसर्स चोलामनडालम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से ऑटो की 20 मई 2016 से लेकर 19 मई 2017 तक की इंश्योरेंस कराई थी। इंजन खराब होने पर उपभोक्ता ने 15 नवंबर 2016 को एजेंसी में जाकर ऑटो के इंजन की रिपेयरिंग कराई। इसके लिए उपभोक्ता से 4 हजार रुपये भी लिए गए। इसके बावजूद इंजन की तकनीकी खराबी सही नहीं हुई। जब उपभोक्ता ने वारंटी पीरियड में होने के चलते ऑटो रिप्लेस कर नए की मांग की तो एजेंसी ने इससे इंकार कर दिया। इस पर शिकायतकर्ता राजकुमार ने 23 जनवरी 2017 को एजेंसी और बैंक को पार्टी बनाते हुए लीगल नोटिस भेजा।
दूसरी तरफ शिकायतकर्ता ने जीएमपी मोटर्स और इंडस्इंड बैंक के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दी। कंज्यूमर कोर्ट ने नोटिस कर दोनों पक्षों का जवाब मांगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कंज्यूमर कोर्ट ने जीएमपी मोटर्स को उसी मॉडल का नया ऑटो देने या फिर ऑटो के लिए 1,61, 500 रुपये 20 मई 2016 से लेकर अब तक 12 प्रतिशत सालाना ब्याज के हिसाब से लौटाने के आदेश जारी किए हैं।
कोर्ट ने जीएमपी मोटर्स को ऑटो वारंटी पीरियड में होने के बावजूद इंजन रिपेयङ्क्षरग के लिए 4 हजार रुपये वापस लौटाने, 15 हजार रुपये हर्जाना और 10 हजार रुपये मुकदमा राशि देने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा है कि अगर यह आर्डर 30 दिन के अंदर लागू नहीं होते हैं तो जीएमपी मोटर्स को बताई गई राशि पर 12 प्रतिशत सालाना के हिसाब से जुर्माना अलग से देना होगा।