कोरोना काल में अतिक्रमण से एमसी को हो रही रिकॉर्डतोड़ कमाई
वेंडर्स से चालान काटकर जुर्माने के तौर पर होने वाली कमाई दोगुनी हो गई है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : कोरोना काल में जहां व्यापारियों का कारोबार मंदा हुआ है, वहीं, इसके उलट नगर निगम का व्यापारियों और वेंडर्स से चालान काटकर जुर्माने के तौर पर होने वाली कमाई दोगुनी हो गई है। नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत हर दिन कमाई बढ़ रही है, जबकि पार्षद चाहते हैं कि जो अतिक्रमण के चालान काटे जा रहे हैं, उस पर फेस्टिवल सीजन पर रोक लगाई जाए। 29 अक्टूबर को होने वाली सदन की बैठक में भाजपा पार्षद इस मामले को जोर-शोर से उठाने भी जा रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद की ओर से इस मामले को गवर्नर हाउस में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के समक्ष भी उठाया गया है, लेकिन इसके बावजूद अभियान में कोई ढील नहीं बरती जा रही। व्यापार मंडल के महासचिव संजीव चड्ढा का कहना है कि कोरोना काल से उभरने के लिए व्यापारियों को राहत देनी चाहिए। दुकानों के बाहर अपने ही माल का डिस्प्ले करने को नगर निगम अतिक्रमण मान रहा है। जोकि गलत है। जब माल दिखेगा ही नहीं तो कैसे बिकेगा। मालूम हो कि नगर निगम ने किसी का भी चालान काटने पर जुर्माने का रेट दो हजार रुपये तय किया हुआ है। इस समय शहर के अतिक्रमण को चेक करने के लिए ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा खुद भी शहर में निकलते हैं। जिस किसी के एरिया में अतिक्रमण दिखता है, वहां के सब इंस्पेक्टर की जवाबदेही तय की जाती है। इसी कारण पिछले माह रिकार्डतोड़ जुर्माने से 20 लाख रुपये की कमाई हुई है।
वेंडर्स को किया जा रहा है तंग : दूबे
भाजपा पार्षद अनिल दूबे का कहना है कि कोरोना काल में वेंडर्स बेरोजगार हो गए हैं। वेंडर्स को लाइसेंस फीस में छूट देनी चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी तो वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10 हजार रुपये का लोन दे रहे हैं, लेकिन इसके विपरित नगर निगम वेंडर्स को काम नहीं करने दे रहा। नगर निगम ने 23 अक्टूबर से शहर में ई-चालान का सिस्टम भी शुरू कर दिया है। ऐसे में अब मौके पर ही तस्वीर खींचकर जुर्माना लिया जा रहा है। ऐसे में सामान जब्त करके स्टोर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन ई-चालान से दिक्कत यह आ रही है कि इंटरनेट के सिग्नल कमजोर होने के कारण एक चालान को अपलोड करने में काफी देर लग रही है। अब मैनुअल चालान काटने पर पाबंदी लगा दी गई है।
इस साल अब तक हुई कमाई
माह चालान संख्या जुर्माना राशि (लाख में)
जनवरी 1665 872225
फरवरी 1636 806000
मार्च 830 557125
अप्रैल 16 24900
मई 94 49100
जून 766 502600
जुलाई 2292 1702025
अगस्त 1657 1658825
सितंबर 2421 2072675
15 अक्टूबर तक 1098 1004300