जीरकपुर की बादल कॉलोनी में लटकती बिजली की तारें हादसों को दे रही बुलावा, विभाग के अधिकारी नहीं लेते सुध
जीकरपुर की एनके शर्मा रोड पर बादल कॉलोनी में लटकती बिजली के तारें लोगों के लिए हादसों को बुलावा दे रही हैं। तारों में स्पार्किग होने से चिंगारियां निकलती रहती हैं।
जागरण संवाददाता, जीरकपुर : जीकरपुर की एनके शर्मा रोड पर बादल कॉलोनी में लटकती बिजली के तारें लोगों के लिए हादसों को बुलावा दे रही हैं। तारों में स्पार्किग होने से चिंगारियां निकलती रहती हैं। बिजली निगम की लापरवाही के चलते गलियों में जगह-जगह तारों के जाल बना हुआ है। कई जगह तो बिजली की तार इतने नीचे है कि यहां से गुजरने वाले इंसान इनकी चपेट में आ सकता है। इन तारों को हटाने की मांग कई सालों से स्थानीय लोग बिजली निगम से करते आ रहे हैं, लेकिन अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। बिजली निगम को शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार है। शॉर्ट सíकट ने बढ़ाई लोगों की टेंशन
स्थानीय निवासी नागेश सेठ ने बताया कि भंडारी स्टोर के नजदीक बादल कॉलोनी में मकान नंबर 1021 से 1054 तक घरों के बाहर तारें लटकी हुई हैं। तारों में शॉर्ट सíकट होना आम बात हो गई है। इससे कई बार बिजली मीटर भी जल गए हैं। कई बार बिजली विभाग के नंबर 1912 पर शिकायत करने पर कोई कर्मचारी नहीं आता उल्टा लोगों को अपने खर्चे पर लोकल इलेक्ट्रिशियन बुलाकर मरम्मत करवानी पड़ती है। कबादल कॉलोनी में रहने वाले साहिब सिंह का कहना है कि आलम यह है कि जब कभी इन तारों के गुच्छों में शार्ट सर्किट होने के कारण आग लगती है तो ऐसे में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां कॉलोनी में नहीं पहुंच पाती। क्योंकि बिजली की तार इतनी नीचे हैं कि वहा बड़ी गाड़ी आ नहीं सकती। आग लगने की स्थिति में लोग खुद रेत फेंककर आग को बुझाते हैं। स्थानीय निवासी रविंदर नाथ गर्ग बताते हैं कि बिजली विभाग के कर्मचारी यहां पीवीसी की नई केबल डालकर चले गए, लेकिन जो पुरानी बिजली की तारों का जाल बना हुआ है वह वैसे का वैसे ही है। जिसकी सप्लाई तक बिजली विभाग ने बंद नहीं की। जिस कारण सिर पर रही लटक रही तारें कभी भी किसी की गाड़ी से छू सकती है। ऐसे में हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से किसी की जान भी जा सकती है। सतीश कुमार आनंद का कहना है कि कॉलोनी में बिजली की लटकती तारों की वजह से बच्चे भी गलियों में खेलने से डरते हैं।
मामला मेरे ध्यान में आ गया है। मुझे मौके की फोटो मिलने के बाद मौके पर कर्मचारी भेजकर चेक करवाता हूं। अगर ऐसा है तो ये बड़ी लापरवाही है जिसे जल्द ठीक करवाया जाएगा।
-खुशविंदर सिंह, एक्सईएन जीरकपुर