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आठ लाख जनधन खाते हैैं जीरो बैलेंस, बंद करने की तैयारी

जनधन योजना के तहत खुले आठ लाख खातों में कोई भी लेनदेन नहीं हुआ है। बैंकों पर यह खाते बोझ बन गए हैं। इन्हें अब बंद करने की तैयारी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 17 Feb 2018 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2018 07:20 AM (IST)
आठ लाख जनधन खाते हैैं जीरो बैलेंस, बंद करने की तैयारी
आठ लाख जनधन खाते हैैं जीरो बैलेंस, बंद करने की तैयारी

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जनधन योजना के तहत खोले गए खाते बैंकों के लिए बोझ बन गए हैं। पंजाब में करीब 13.5 फीसदी ऐसे जनधन खाते हैं जो निष्क्रिय हैं। अब बैंक इन खातों को बंद करने की तैयारी में हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को जनधन खाता योजना की शुभारंभ किया था। नोटबंदी के दौरान पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में यह खाते जहां काला धन को सफेद करने में खासे मददगार बने। वहीं जीरो बैलेंस खाता होने के कारण अब कई खाते निष्क्रिय हो गए हैं। इन खातों में कोई लेनदेन नहीं हुआ है। पंजाब में जनधन के तहत करीब 61 लाख खाते खोले गए थे। इसमें से 13.5 फीसदी ऐसे खाते हैं जिनमें न तो पैसा जमा हुआ है और न ही इन खातों में पैसा है।

निष्क्रिय पड़े करीब 8 लाख बैंक खाते बैंकों के आंखों में चुभ रहे है। बैंकों ने अब इन खातों को बंद करने का फैसला किया है। इन खातों को बंद करने से पहले बकायदा खाताधारकों को नोटिस जारी किया जाएगा। एक माह के भीतर अगर खाताधारक कोई जानकारी नहीं देता है तो फिर बैंक इसे बंद कर देंगे, क्योंकि इन खातों को मैनटेन करने में बैंकों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

वहीं, इन खातों में पैसा न होने के कारण बैंकों को आंकड़ों को भी यह खाते बिगाड़ रहे है। गत दिवस बैंकर्स कमेटी की बैठक में भी यह मुद्दा पूरी शिद्दत के साथ उठा था। जहां पर सभी बैंकों के अधिकारियों ने इस पर चिंता जताई थी।

राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के कनवीनर पीएस चौहान का कहना है कि करीब 8 लाख ऐसे खाते चिन्हित किए गए हैं, जिनमें खाते खुलने के बाद से न तो कोई लेनदेन हुआ और न ही इसमें पैसे जमा है। अब इन खातों को बंद कर देना ही सही कदम होगा।

चौहान ने कहा कि खाता बंद करने से पहले खाताधारकों को नोटिस जारी किया जाएगा। खाताधारक अगर खाते को चलाने के इच्छुक होंगे तो उन्हें बंद नहीं किया जाएगा और अगर इच्छुक नहीं होंगे तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा। वहीं, बैंकों ने 31 मार्च से पहले ही निष्क्रिय खातों से मुक्ति पाने की रणनीति तय कर ली है। 

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