Move to Jagran APP

एजुकेशन का असिस्टेंट प्रोफेसर बना स्नैक मास्टर

चंडीगढ़ के पीयू के प्रो.जीसू अब तक सैकड़ों सांपों को पकड़ चुके हैं। आठ महीने में उन्होंने कोबरा, वाइपर जैसे 15 सांप पकड़े।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 08:22 AM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 10:46 AM (IST)
एजुकेशन का असिस्टेंट प्रोफेसर बना स्नैक मास्टर
एजुकेशन का असिस्टेंट प्रोफेसर बना स्नैक मास्टर

डॉ. रविंद्र मलिक , चंडीगढ़

loksabha election banner

अक्सर अपने आसपास सांप को देखते ही लोग घबरा जाते हैं और उसे लाठियों से पीट-पीट मार देते हैं, लेकिन चंडीगढ़ में एक ऐसे प्रोफेसर हैं, जिन्होंने सांपों को ही बचाने का बीड़ा उठा रखा हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (यूसोल)के एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रो.जीसू आज स्नैक मास्टर बन चुके हैं। बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर वह न केवल बच्चों को पढ़ाते हैं, बल्कि पीयू में सांप के बारे में पता चलने पर उसे पकड़ने व बचाने के लिए चले जाते हैं। अब तक वह सैंकड़ों सांपों को पकड़कर फॉरेस्ट विभाग को सौंप चुके हैं। बीते आठ महीनों में ही उन्होंने कोबरा व रसेल, वाइपर सहित 15 खतरनाक सांपों को पकड़ा। सोमवार को भी जब गार्डन में एक रसेल वाइपर की सूचना मिली तो वह उसे पकड़ने पहुंच गए। उनका मानना है कि प्रत्येक जीव को जीने का हक है। बिना वजह उन्हें मारना प्रकृति के खिलाफ है। अधिकतर लोग सांपों को देखने पर मारकर मिट्टी में ही दबा देते हैं। इससे प्रकृति का नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि एनसीसी कोर्स के दौरान आर्मी की ट्रेनिंग ली थी। यहीं उन्होंने सांप पकड़ने का तरीका सीखा। उन्होंने यूएस से वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी कोर्स भी किया है, जो इनको पकड़ते हुए फोटोग्राफी करने में काम आया। ज्यूलॉजी के स्टूडेंट थे, तब से जागी रूचि

प्रो. जीसू ने बताया कि उन्होंने ज्यूलॉजी में एमएससी की है, तभी से उनकी जीवों के संरक्षण को लेकर रुचि है। उस वक्त भी वो मुसीबत में फंसे जीवों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर छोड़ देते थे। उन्होंने बताया कि उनका जन्मदिन भी पर्यावरण दिवस पर पांच जून को है, जिसने उनको इस दिशा में और काम करने के लिए प्रेरित किया। पीयू में स्नैक मास्टर के नाम से मशहूर

प्रो. जीसू कई साल से सर्प संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में जहां भी कहीं सांप की जानकारी मिलती है तो वे तुरंत पहुंच जाते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी सांपों को पकड़ने के लिए अभियान चला रखा है। उन्हें पीयू में स्नैक कैचर व स्नैक मास्टर के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने चंडीगढ़ में मुख्य रूप से सांप की तीन खतरनाक प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें कोबरा, रसेल वाइपर और क्रेट प्रमुख हैं। ऐसे सुरक्षित तरीके से पकड़ते हैं सांप

प्रो. जीसू सांप को पकड़ने के लिए टोंग का इस्तेमाल नहीं करते। टोंग की ग्रिप कमजोर या ज्यादा होने पर सांप को चोट लग सकती है। वह प्लास्टिक या गत्ते का डिब्बा रखते हैं, जिसके उपर रस्सी होती है। इसमें एक जगह एंट्री प्वाइंट बनाकर सांप के आस-पास रखा जाता है। एक लंबी स्टिक से सांप को इसकी तरफ किया जाता है, जैसे ही सांप डिब्बे के अंदर जाता है, डिब्बा बंद कर दिया जाता है। सांप दिखे तो वाइल्ड लाइफ को करें कॉल

प्रो. जीसू ने बताया कि कहीं भी सांप होने की जानकारी मिलने पर वो वाइल्ड लाइफ विभाग के नंबर 0172-2700217 पर कॉल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को सांप के नेचर या इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, वह इससे दूर रहें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.