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नर्सरी से आठवीं कक्षा की दाखिला सीटें भरने में नाकाम शिक्षा विभाग, मात्र 11 हजार मिले आवेदन

विभाग ने बच्चों का सरकारी स्कूल में दाखिले करवाने के लिए अध्यापकों की ड्यूटी हैे। अध्यापक पोस्टर व पेंटिंग के माध्यम से बच्चों के अभिभाकों को लुभाने का प्रयास कर रहे है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 02:14 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 02:14 PM (IST)
नर्सरी से आठवीं कक्षा की दाखिला सीटें भरने में नाकाम शिक्षा विभाग, मात्र 11 हजार मिले आवेदन
नर्सरी से आठवीं कक्षा की दाखिला सीटें भरने में नाकाम शिक्षा विभाग, मात्र 11 हजार मिले आवेदन

चंडीगढ़, सुमेश ठाकुर। शहर के सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा की एडमिशन के लिए शिक्षा विभाग की एक नहीं चल रही। शिक्षा विभाग के पास 17,500 सीटें है, जिन पर एडमिशन किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने 31 जुलाई को दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे, जिसके लिए स्टूडेंट्स 14 अगस्त तक अप्लाई कर सकते थे। लेकिन हैरत की बात है कि 13 अगस्त तक मात्र 11 हजार आवेदन ही शिक्षा विभाग को जमा हुए है।

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अभिभावकों को प्रेरित कर रहे टीचर्स

नर्सरी से आठवीं कक्षा की सीटों पर एडमिशन नहीं हो रही है। इसलिए शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारियों ने मौखिक तौर पर टीचर्स को काम दिया है कि वह पहले प्रचार करें, एडमिशन करें और उसके बाद स्कूल में पढ़ाई करवाएंगे। ऐसे में टीचर्स ने पोस्टर मेकिंग या स्लोगन राइटिंग करके उसकी फोटोकॉपी करवाकर लोगों के घर-घर जाकर बांटा और मार्केट में चिपका कर प्रचार किया। वहीं, प्रचार के लिए कुछ टीचर्स ने आधुनिक तरीका भी इस्तेमाल किया है। टीचर्स ने शॉर्ट वीडियो बनाकर यूट्यब पर डालकर या फिर फेसबुक पर लिंक शेयर करके सरकारी स्कूलों में होने वाली गतिविधियों को दिखाना शुरू किया है।

कोरोना काल में घर गए बच्चों के कारण खाली हुई सीटें

शहर के विभिन्न सेक्टरों और स्लम एरिया में 114 सरकारी स्कूल है। जिसमें एक लाख के करीब स्टूडेंट्स नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई करते है। कोरोना काल में ज्यादातर लोग अपने घर उत्तर प्रदेश और बिहार जा चुके है। जिस कारण सरकारी स्कूलों की सीटें खाली हुई है। उन्हें भरने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से प्रयास किया गया, लेकिन वे अभी तक कामयाब नहीं हुए है।

प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट्स को लुभाने का है प्रयास

कोरोना काल में शहर के प्राइवेट स्कूलों ने फीस मांगना शुरू कर दिया था और जिन स्टूडेंट्स की फीस जमा नहीं हुई उन्हें क्लास से निकाल दिया गया था। उसके बाद ज्यादातर अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ केस भी दायर किया। कहीं से बेहतर परिणाम नहीं निकलता देखकर विभाग ने सरकारी स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी। जिसके बाद अभी तक सेक्टर-16, 18, 21, 35, 33 सहित विभिन्न स्कूलों में आवेदन जमा हुए है, लेकिन स्लम एरिया के स्कूलों में सीटों के बराबर आवेदन जमा नहीं हुए है।

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