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GMCH-32 में मरीजों के लिए शुरू हुई ई-संजीवनी ओपीडी, घर बैठे ही मिलेगा लाभ

द नेशनल टेलीकंसल्टेशन सर्विस ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने जीएमसीएच-32 के साथ मिलकर यह ओपीडी सर्विस शुरू की है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 07:12 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 07:12 PM (IST)
GMCH-32 में मरीजों के लिए शुरू हुई ई-संजीवनी ओपीडी, घर बैठे ही मिलेगा लाभ
GMCH-32 में मरीजों के लिए शुरू हुई ई-संजीवनी ओपीडी, घर बैठे ही मिलेगा लाभ

चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश के मरीजों के लिए ई-संजीवनी ओपीडी सेवा शुरू की है। ताकि मरीज घर बैठे ही अपना इलाज करा सकें। मरीजों को ई-संजीवनी ओपीडी के जरिए मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों से फ्री कंसल्टेंशन दी जाएगी। द नेशनल टेलीकंसल्टेशन सर्विस ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने जीएमसीएच-32 के साथ मिलकर यह ओपीडी सर्विस शुरू की है।

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ई-संजीवनी ओपीडी के लिए मरीजों को ऐसे मिलेगी डॉक्टरी सलाह

जीएमसीएच-32 के सीनियर डॉक्टरों की सलाह के लिए मरीजों को पहले www.esanjeevaniopd.in  पर लॉगइन कर करना होगा। इसके बाद मरीज को अपना नाम और मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा। रजिस्टर किए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। इसके बाद मरीज को अस्पताल में किस डिपार्टमेंट के डॉक्टर से कंसल्टेशन लेनी है और अपनी बीमारी के बारे में बताना होगा। जीएमसीएच-32 ने यह ई-संजीवनी ओपीडी सर्विस छह मेडिकल क्षेत्र में फिलहाल शुरू की है। जिसमें डर्मेटोलॉजी, ओपथामोलॉजी, ईएनटी, ऑर्थोपैडिक्स, साइकेटरी और डेंटल से जुड़ी किसी भी मर्ज के  लिए ई संजीवनी के जरिए इलाज हो जाएगा।

अब डॉक्टर के सामने बैठकर टेलीमेडिसिन से होगा इलाज

जीएमसीएच-32 के लगभग सभी डिपार्टमेंट्स में अब ई संजीवनी ओपीडी प्लेटफार्म के तहत डॉक्टर मरीजों का इलाज करेंगे। जीएमसीएच-32 आईटी हेड प्रो. सुरिेंद्र सिंघल ने बताया कि अभी तक टेली मेडिसन में हम मोबाइल, लैंडलाइन व ई मेल के जरिए मरीजों को परामर्श देते थे। लेकिन अब इस नई सुविधा के तहत मरीज डॉक्टर के पास मोबाइल या लेपटॉप पर आमने सामने बैठकर डॉक्टर से परामर्श कर सकता है। इसके साथ ही मरीज अपनी पुराने डॉक्युमेंट्स जैसे कि एक्स-रे, सीटी स्केन, लेब इन्वेस्टिगेशन किसी अन्य डॉक्टर को दिखाया हुआ उसका प्रिस्क्रिप्शन कार्ड भी इस पर अपलोड कर सकता है। डॉक्टर उसको अध्ययन करने के बाद उचित सलाह दे सकते हैं।

ई-संजीवनी करना होगा डाउनलोड

ई-संजीवनी पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद टोकन जनरेट होगा। ऑनलाइन कंसलटेशन के समय जो भी डॉक्टर फ्री होगा। टोकन नंबर के अनुसार मरीज का नंबर आने पर इलाज किया जाएगा। टोकन नंबर आने पर जो डॉक्टर फ्री होगा, वो मरीज को वीडियो चैट के जरिए संपर्क करेगा। स्मार्ट फोन के लिए गूगल प्ले स्टोर से ई संजीवनी एप डाउनलाेड करना पड़ेगा। उस पर रजिस्ट्रेशन इस सुविधा का लाभ उठा सकता हैं। जीएमसीएच-32 के डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रो. बीएस चवन ने बताया कि साइकेट्री, ईएनटी, स्किन, आई और ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में ई संजीवनी की सुविधा शनिवार से शुरू कर दी है।

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