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डेढ़ साल में डंपिंग ग्राउंड से मिलेगी मुक्ति, छह माह में बनेंगे स्मार्ट स्कूल

कचरे के पहाड़ की खुदाई का काम इसी माह शुरू हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 10:34 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 10:34 PM (IST)
डेढ़ साल में डंपिंग ग्राउंड से मिलेगी मुक्ति, छह माह में बनेंगे स्मार्ट स्कूल
डेढ़ साल में डंपिंग ग्राउंड से मिलेगी मुक्ति, छह माह में बनेंगे स्मार्ट स्कूल

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : डड्डूमाजरा के डंपिग ग्राउंड में बने कचरे के पहाड़ की खुदाई का काम इसी माह शुरू हो जाएगा। बुधवार को स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में शहर के सात अहम प्रोजेक्ट्स के टेंडर को मंजूरी दी गई है। डंपिग ग्राउंड में पड़े लाखों टन कचरे को प्रोसेस करने का स्मार्ट सिटी ने मीटिग के बाद टेंडर भी अलॉट कर दिया। जबकि बाकी बचे छह प्रोजेक्ट्स के टेंडर वीरवार को अलॉट कर दिए जाएंगे। स्मार्ट सिटी के अनुसार शहरवासियों को साल 2021 मार्च तक पूरी तरह से राहत मिल जाएगी। यह काम 33.98 करोड़ रुपये में नागपुर की कंपनी एसएमएस इनवारो को अलॉट किया गया है। यहां पर 50 हजार टन का कचरा पड़ा हुआ है। इस समय डड्डूमाजरा में बने कचरे के पहाड़ से पूरा शहर परेशान है। 16 एकड़ में पड़े कचरे को प्रोसेस किया जाएगा। कंपनी को यहां से सारा कचरा प्रोसेस करने के लिए डेढ़ साल का समय दिया गया है। अंडरग्राउंड सर्विसेज की मैपिग का काम होगा एक साल में

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शहर में पहली बार अंडरग्राउंड सर्विसेज की मैपिग होने जा रही है। इस काम के लिए बुधवार को टोजो विकास कंपनी को टेंडर अलॉट करने की मंजूरी दे दी है। इस काम के लिए एक साल की समय सीमा तय की गई है। 5.98 करोड़ रुपये में टेंडर अलॉट किया जाएगा। ऐसे में इस प्रोजेक्ट पर भी जल्द काम शुरू हो जाएगा। अभी तक न तो प्रशासन और न ही नगर निगम को इसकी जानकारी है कि अंडरग्राउंड में कौन सी पाइप और तार कहां से निकल रहे हैं। ऐसे में कोई नया काम शुरू होने पर कई बार गलत जगह पर भी खुदाई कर दी जाती है। मैपिग करने का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के तहत पहली बार तैयार हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत अंडरग्राउंड केबल, बिजली के तार, पानी और सीवरेज की पाइपों की मैपिग होगी। ई-गवर्नेस का प्रोजेक्ट होगा 11 करोड़ 49 लाख में अलॉट

स्मार्ट सिटी के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की मीटिग में ई-गवर्नेस प्रोजेक्ट के टेंडर को मंजूरी दे दी गई है। ऐसे में घर बैठे ही लोगों के सरकारी काम हो जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर 11 करोड़ 49 लाख रुपये का खर्चा होगा। इस काम को करने के लिए कंपनी को एक साल का समय दिया गया है। यह काम प्राइस वाटर कंपनी को अलॉट करने का फैसला लिया गया है। स्काडा सिस्टम लगाने और अपग्रेड करने के प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी गई है। इस काम के लिए एक साल का समय दिया गया है। जिस पर 4.32 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। स्काडा बनने पर वहां पर बैठे कर्मचारियों को मीटर की रीडिग बारे जानकारी मिलती रहेगी। वहीं, पानी चोरी के बारे में स्काडा से जानकारी मिल सकेगी। इसके कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारियों को पानी की लाइन में फॉल्ट आने या लीकेज होने या फिर लाइन टूटने का पता चलेगा। वहीं पर बैठे कर्मचारी को पानी चोरी करने वालों का भी पता लगेगा। लाइन में कोई भी फॉल्ट आने पर कंट्रोल रूम से मैसेज एरिया एसडीओ और जेई के मोबाइल पर फ्लैश होगा। इसके बाद लाइनें ठीक होंगी। निशुल्क चलाई जाएगी ई-कार्ट

सेक्टर-17 प्लाजा में 10 ई-कार्ट रिक्शा चलाएं जाएंगे। यह लोगों को निशुल्क सुविधा मिलेगी। ऐसे में सेक्टर-17 में आने वाले लोग पार्किंग में अपना वाहन पार्क करने के बाद ई-कार्ट में सवार हो जाएंगे। यह काम सतलुज ऑटो को देने की मंजूरी दी गई है। तीन माह बाद प्लाजा में यह ई-कार्ट दिखने शुरू हो जाएंगे। 43 लाख रुपये में इस प्रोजेक्ट को मंजूर किया गया है। कंपनी दो साल तक निशुल्क लोगों को ई-कार्ट में बैठाकर प्लाजा की सैर करवाएगी। यह कार्ट लोगों को मल्टीलेवल पार्किग से मिलेंगे। चार सरकारी स्कूलों के 90 क्लास रूम छह माह में होंगे स्मार्ट

शहर के चार सरकारी स्कूलों के 90 क्लास रूम छह माह में स्मार्ट होंगे। बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने यह प्रोजेक्ट 4.82 करोड़ रुपये में अलॉट करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सेक्टर-22 के सीनियर सेकेंडरी, सेक्टर-35 के सीनियर सेकेंडरी, हाई स्कूल और सेक्टर-43 के हाई स्कूल के 90 क्लास रूम स्मार्ट किए जाएंगे। इसके तहत हर क्लास रूम में डिजिटल प्रोजेक्टर, थ्रीडी बोर्ड और कंप्यूटर लगाया जाएगा। प्रशासन के अनुसार पहली से लेकर बारहवी तक के सभी बच्चों के क्लास रूम में यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार इन स्मार्ट क्लास रूम में जो बोर्ड लगे होंगे, उनमें एनसीईआरटी का सिलेबस पहले से डाउनलोड होगा। बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर्स को इसके लिए अलग से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। स्मार्ट स्कूलों के लिए फर्नीचर खरीदने और कमरों में पेंट करवाने के लिए 52 लाख रुपये में टेंडर अलॉट करने की मंजूरी दी गई है। इसके लिए भी कंपनी को छह माह का समय दिया गया है। जबकि शहर में मरे हुए पशुओं को संस्कार करने का प्लांट लगाने का टेंडर 20 सितंबर की बैठक में मंजूर किया जाएगा।


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