सिख कत्लेआम के दोषी को बचाना चाहती है केजरीवाल सरकार : जीके
मनजीत सिंह जीके ने कहा कि केजरीवाल यशपाल को बचाना चाहते हैं, इसीलिए पटियाला हाउस कोर्ट से फांसी की सजा मिलने के बाद दोषी यशपाल सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में सजा को चुनौती दी थी।
जेएनएन, चंडीगढ़। दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दो सरकारी वकीलों में हुई बहस को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने गैर जरूरी बताया है। कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आरोप लगाया कि 1984 के सिख कत्लेआम के दोषी यशपाल सिंह को फांसी के फंदे से बचाने के लिए ऐसा जानबूझ कर किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यशपाल को बचाना चाहते हैं, इसीलिए पटियाला हाउस कोर्ट से फांसी की सजा मिलने के बाद दोषी यशपाल सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में सजा को चुनौती दी थी।
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में जीके ने कहा कि केंद्र सरकार की एसआइटी की तरफ से एएसजी अमन लेखी एवं दिल्ली सरकार के स्थायी वकील राहुल मेहरा ने सरकारी पक्ष के वकील के रूप में पेश होने का अदालत के सामने दावा किया था। इसके चलते हाई कोर्ट के दो जजों की पीठ ने दोनों वकीलों की बहस सुनने के बाद 29 जनवरी की अगली तारीख निर्धारित की है। जीके ने कहा कि निचली अदालत में मामले की पैरवी एसआइटी के वकील ने की थी, इसलिए हाई कोर्ट में सरकारी पक्ष के रूप में अपना वकील पेश करने का हक एसआइटी का है, परंतु दिल्ली सरकार ने दोषी को बचाने के लिए जानबूझ कर अपना वकील अदालत में भेज दिया।
जीके ने कहा कि 63 सिखों के कत्ल मामले में दिल्ली के कल्याणपुरी थाने की 433/84 एफआइआर मामले में तो दिल्ली सरकार का कानूनी विभाग एसआइटी प्रमुख द्वारा बार-बार पत्र लिखने के बावजूद सेशन कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ अपील दाखिल नहीं करता, इसलिए आम आदमी पार्टी के विधायक कर्नल देविंदर सेहरावत द्वारा क्लीन चिट प्राप्त दोषी यशपाल सिंह के मामले में दखलअंदाजी करने के लिए दिल्ली सरकार के वकील का पहुंचना शक पैदा करता है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को लेकर खबरें भी चल रही हैं। उन्होंने केजरीवाल की 1984 मामले में बयानबाजी को गैरजरूरी बताया। साथ ही केजरीवाल को 1984 के पीड़ितों को नौकरी एवं पुनर्वास पैकेज देने की संसद द्वारा पास फाइल को सचिवालय में खोजने की नसीहत दी।
पीड़ितों के फ्लैट जर्जर हालत में, ठीक करे दिल्ली सरकार
जीके ने कहा कि तिलक विहार में पीड़ितों के फ्लैट जर्जर हालत में हैं। दिल्ली सरकार उन्हें ठीक करने की घोषणा करे और हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के सरकारी एलान को अमलीजामा पहनाए।