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पाइप लीकेज से बर्बाद हो रहे पानी से 50 हजार लोगों की मिट सकती है प्यास

भाखड़ा से चंडीगढ़ तक प्रतिदिन आने वाली सप्लाई में इतना पानी बर्बाद हो रहा है, जितने में 50 हजार से ज्यादा शहरवासियों की प्यास बुझ सकती है।

By Edited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 08:15 AM (IST)
पाइप लीकेज से बर्बाद हो रहे पानी से 50 हजार लोगों की मिट सकती है प्यास
पाइप लीकेज से बर्बाद हो रहे पानी से 50 हजार लोगों की मिट सकती है प्यास

चंडीगढ़ , राजेश ढल्ल। भाखड़ा से चंडीगढ़ तक प्रतिदिन आने वाली सप्लाई में इतना पानी बर्बाद हो रहा है, जितने में 50 हजार से ज्यादा शहरवासियों की प्यास बुझ सकती है। यह पानी पाइपों की लीकेज होने के कारण बर्बाद हो रहा है, जिसे अधिकारी रोक पाने में पूरी तरह से असफल साबित हो रहे हैं, जबकि कजौली वाटर व‌र्क्स के पांचवें और छठे फेज से अतिरिक्त पानी लाने की तैयारी हो रही है, लेकिन पहले चार फेज से जो हर दिन तीन एमजीडी (एक करोड़ 11 लाख लीटर) पानी पानी बर्बाद हो रहा है, उसके लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। पहले चार फेज से प्रतिदिन भाखड़ा से शहर को 58 एमजीडी पानी मिल रहा है। जिसमें 55 एमजीडी पानी ही शहर तक तक पहुंच रहा है।

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तीन एमजीडी पानी बर्बाद होने की बात नए वित्तीय सत्र के लिए जो नगर निगम ने बजट पास किया है, उसमें मानी है। ऐसे में इतना पानी बर्बाद हो रहा है, जितने में दो सेक्टरों में रहने वाले निवासियों को प्रतिदिन सप्लाई होती है। जबकि 25 एमजीडी पानी की सप्लाई शहरवासियों को 220 ट्यूबवेल से मिल रही है। जबकि दो नए पांचवें और छठे फेज, जिसका निर्माण चल रहा है, उससे शहर को 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी मिलेगा। पहले दो फेज की पाइपें लोहे की, बाकी दो फेज की कंक्रीट की अभी तक जो चार फेज हैं, उनमें से पहले दो फेज की पाइपें लोहे की हैं, जबकि बाकी के तीसरे और चौथे फेज की पाइपें कंक्रीट की हैं, जोकि जगह जगह से लीक हैं। हर 5 मीटर बाद जोड़ लीक कर रहा है।

प्रशासन की अर्बन एंड इंफ्रास्ट्रचर डेवलपमेंट कमेटी की बैठक में भी यह मामला उठ चुका है। जिसमें भी यह बात सामने आई है कि कंक्रीट की जो 27 किमी की पाइप लाइन है, उसे बदला जाए। कमेटी के सदस्य एवं पूर्व मेयर अरुण सूद का कहना है कि पाइप लाइन बदलने के अलावा शहर के चारों फेज से पं¨पग स्टेशनों को अपग्रेड करना जरूरी है। इसके अलावा बिजली की हॉटलाइन लेना भी जरूरी है। तभी शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने का सपना पूरा हो पाएगा।

शहर की अंदरूनी पाइपों से भी हो रही है पानी लीक

इसके अलावा शहर की जो अंदरूनी पाइप लाइन है, उसमे में कई जगह से लीकेज हो रही है। यह पाइप लाइनें 60 साल से ज्यादा पुरानी हो गई हैं। जिस कारण प्रतिदिन लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है, इसे भी नगर निगम के अधिकारी रोक नहीं पा रहे हैं। सेक्टर-16 के शांतिकुंज में काफी लंबे समय से पाइप लाइन लीक है, जहां से सारा दिन पीने का पानी निकलता रहता है।

बरसाती पानी रोकने की कोई व्यवस्था नहीं

शहर में बरसाती पानी को रोकने के लिए प्रशासन और नगर निगम के पास कोई प्ला¨नग नहीं है, जिस कारण शहर का ग्राउंड लेवल वाटर भी प्रतिदिन गिर रहा है। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। यहां तक कि नगर निगम की ओर से जो टर्शरी वाटर बनाया जा रहा है, उसका आधा ही मुश्किल से प्रयोग हो रहा है। शहरवासियों को इसकी सप्लाई में दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।

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