पंजाब की जेलों में 63 मुलाजिम नशे के आदी
-पूर्व राज्यसभा सदस्य की याचिका के जवाब में एडीजी जेल ने मानवाधिकार आयोग को दी जानकारी -
-पूर्व राज्यसभा सदस्य की याचिका के जवाब में एडीजी जेल ने मानवाधिकार आयोग को दी जानकारी -सरकार के आदेश पर करवाए थे 615 मुलाजिमों के डोप टेस्ट, 12 फीसद कर रहे नशा ---
जय सिंह छिब्बर, चंडीगढ़: पंजाब की जेलों में तैनात 63 कर्मचारी नशे के आदी हैं। उन्हें सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए कहा गया है। जेल विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) ने यह रिपोर्ट
पूर्व राज्यसभा सदस्य अविनाश राय खन्ना की याचिका के जवाब में मानवाधिकार आयोग को दी है। भाजपा नेता व पूर्व राज्यसभा सदस्यअविनाश राय खन्ना की याचिका के जवाब में एडिशनल डायरेक्टर जनरल (जेल) ने कहा है कि जेल विभाग में भर्ती कुल मुलाजिमों में 88 फीसद कर्मचारी नशे से मुक्त हैं। उनके अधीन कुल 615 मुलाजिम हैं, जिनका पंजाब सरकार की हिदायतों के मुताबिक डोप टेस्ट करवाया गया। इनमें से 63 कर्मचारी नशे आदी पाए गए हैं। इन कर्मचारियों को सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवाने व नशे से निजात पाने के लिए कहा गया है।
खन्ना ने पंजाब सरकार की तरफ से मुलाजिमों के डोप टेस्ट करवाए जाने के फैसले पर मानवाधिकार आयोग के पास जेल विभाग के कितने मुलाजिम डोप टेस्ट करवा चुके हैं और उनमें से कितने नशे के आदी हैं, इस बारे में आयोग में याचिका दायर की है। क्षमता से ज्यादा कैदियों पर डीजीपी जेल तलब
मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी ने सामाजिक कार्यकर्ता
और वकील दिनेश चड्ढा की तरफ से दायर की शिकायत पर डीजीपी जेल को 14 दिसंबर को तलब किया है। चड्ढा ने दायर की शिकायत में कहा कि जेलों में बंद लोगों को अमानवीय हालात में रखा गया है। आरटीआइ आकड़ों के हवाले से दायर शिकायत में कहा गया है कि पंजाब की जेलों में क्षमता से ज्यादा महिला व पुरुष कैदियों को रखा गया है। उन्होंने कहा कि जेलों के बाहर तो सुधार घर लिखा हुआ है, परन्तु अंदर उनके सुधार के लिए कोई प्रोग्राम नहीं चलाया जा रहा। याचिकाकर्ता का कहना है कि जेलों में जाने वाले सुधरने की बजाय गलत रास्ते पड़ रहे हैं। मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी (जेल) को तलब कर 14 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करन को कहा है।