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चंडीगढ़ की सड़कों में जरा संभलकर चलिये जनाब... छोटे चौराहों पर नहीं चेतावनी बोर्ड और रिफ्लेक्टर

बता दें कि बीते पांच साल में शहर में कुल एक हजार से ज्यादा रोड एक्सीडेंट हो चुके हैं और इनमें 487 लोगों की जान जा चुकी है। सड़क हादसों की 92 फीसद वजह ओवरस्पीड और ट्रैफिक के अन्य नियमों की अनदेखी करना है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 01:03 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 01:03 PM (IST)
चंडीगढ़ की सड़कों में जरा संभलकर चलिये जनाब... छोटे चौराहों पर नहीं चेतावनी बोर्ड और रिफ्लेक्टर
शहर के छोटे चौराहों पर नहीं चेतावनी बोर्ड जिस कारण भी हादसे होते हैं।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ (Chandigarh) में सड़क हादसों (Road Accident) में कई लोग अपनी किमती जानें गवां चुके हैं। वैसे तो लापरवाही से ड्राइव करना सड़क हादसों का बड़ा कारण है। वहीं, शहर के छोटे चौराहों (Small Intersections) पर भी कई खामियां हैं जिनकी वजह से भी कई रोड एक्सीडेंट (Road Accident) हो चुके हैं। ऐसे में लोगों को शहर की सड़कों पर जरा संभलकर (Drive Safe) चलना होगा।

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इसके साथ पब्लिक की मनमानी से जानलेवा हादसे होते हैं। ब्लैक स्पॉट (Black Spot) पर हादसों पर लगाम लगाने वाली चेतावनियों की भी कमी कहीं न कहीं हादसों की वजह बनती है। पांच वर्षों में शहर के अंदर कुल एक हजार से ज्यादा सड़क हादसों में 487 लोगों की जान जा चुकी हैं। इसमें 92 फीसद वजह ओवरस्पीड और ट्रैफिक के अन्य नियमों की अनदेखी करके ड्राइव करना है।

न रिफ्लेक्टर, न चेतावनी बोर्ड और भी कई कमियां

चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर की सड़कों सहित शहर के कई इंटर्नल मार्गों पर खामियों की वजह से 40 फीसद हादसें हो चुके हैं। इसमें कई छोटे चौक पर रिफ्लेक्टर, मानक, कई टर्न से पहले चेतावनी बोर्ड नहीं होने सहित साइकिल ट्रैक और उसके साथ वाली सड़क पर लाइट्स की कमी भी शहर में हो रहे रोड एक्सीडेंट की मुख्य वजह है। कई जगह छोटे चौक नहीं होने और कई छोटे चौक की विजिबिलटी कम होने से भी सड़क हादसे होते हैं।  

ब्लैक स्पॉट पर क्या खामियां

-रेड लाइट जंप कर ओवरस्पीड वालों पर लगाम नहीं।

-साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टर, अनाउसमेंट सुविधा और नाकाबंदी की नदारद।

एसएसपी ट्रैफिक मनोज कुमार मीणा का कहना है कि शहर में ट्रैफिक व्यवस्था और हादसों पर लगाम लगाने के लिए ब्लैक स्पॉट पर पुलिस तैनाती रहती है और नाकाबंदी कर चेकिंग की जाती है। इसके अलावा कई अन्य कमियों और खामियों को यूटी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ठीक करवाता है।


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