Move to Jagran APP

Mother's Day 2019 : इस मां के जज्बे को सलाम, दिव्यांग बेटी को अफसर बना कायम की मिसाल

पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित एसी जोशी लाइब्रेरी से चीफ लाइब्रेरियन के पद से रिटायर डाॅ. रश्मि यादव ने दिव्यांग बेटी को काबिल बनाकर समाज के लिए एक मिसाल कायम की है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 01:09 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 01:09 PM (IST)
Mother's Day 2019 : इस मां के जज्बे को सलाम, दिव्यांग बेटी को अफसर बना कायम की मिसाल
Mother's Day 2019 : इस मां के जज्बे को सलाम, दिव्यांग बेटी को अफसर बना कायम की मिसाल

चंडीगढ़, [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण] । बच्चों को काबिल बनाना और उन्हें मंजिल तक पहुंचाने में बेशक हर अभिभावक का योगदान खास होता है। सामान्य बच्चों के लिए यह सब कुछ कर पाना आसान होता है, लेकिन अगर बात किसी दिव्यांग बच्चे की हो तो यह एक बड़े चैलेंज से कम नहीं है। लेकिन एक मां के जज्बे नेे अपनी दिव्यांग बेटी को इस काबिल बनाया कि वह आज अपने पैरों पर खुद खड़ी हो गई है। एेसी मां लाखों को लिए प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है।

loksabha election banner

पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित एसी जोशी लाइब्रेरी से चीफ लाइब्रेरियन के पद से रिटायर डाॅ. रश्मि यादव ने जिंदगी के हर सुख-दुख को भूल दिव्यांग बेटी को काबिल बनाकर समाज के लिए एक मिसाल पैदा की है । जन्म से ही दिव्यांग (सुनने में असमर्थ) बेटी अनु यादव आज देश के मल्टीनेशनल बैैंक में आॅफिसर के पद पर कार्यरत है। बेटी की इस सफलता में मां रश्मि का योगदान अमूल्य है। बेटी की सफलता तक मां रश्मि यादव एक मजबूत ढाल बनकर खड़ी रही। मदर्स डे के मौके पर 'दैनिक जागरण' ने शहर की इस खास मां रश्मि यादव से बेटी अनु को काबिल बनाने से जुड़े अनुभवों को साझा किया।

मां डॉ. रश्मि यादव बहन डॉ. स्वाति और पिता मनजीत सिंह यादव के साथ सेल्फी लेते हुए अन्नू यादव।

जब पता चला बेटी नहीं सुन सकती, हिल गया पूरा परिवार

रश्मि बताती हैं कि बेटी अनु जब 7-8 महीने की थी, दादी को लगा की बच्ची सुन नहीं सकती। डाॅक्टर के पास गए तो पता चला अनु पूरी तरह से डैफ है। पूरे परिवार पर मानों मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन मां रश्मि ने बेटी की जिंदगी आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ा फैसला लिया। तीन साल की बच्ची को चेन्नई स्थित एक डैफ स्कूल में दाखिल करवाया।

14 साल तक बेटी के लिए कड़ी मेहनत

बेटी अनु ने 12वीं क्लास अच्छे अंकों के साथ पास कर ली। 2009 में अनु को चंडीगढ़ जीसीजी-11 काॅलेज में बीए में दाखिला मिल गया। मां रश्मि बताती हैं कि बेटी के लिए पहले खुद पढ़ना पड़ता और फिर उसकी समरी तैयार करनी पड़ती। बेटी ने भी बीए की डिग्री हासिल कर मां के जज्बे को जिंदा रखा। रश्मी ने बताया कि बेटी को डीएवी काॅलेज एमए सोशोलाॅजी में दाखिल मिल गया। उन्होंने बताया कि मास्टर डिग्री करने वाली बेटी अनु पहली डैफ स्टूडेंट है।

बेटी बनी आॅफिसर तो मां का सपना हुआ पूरा

अनु यादव नामी बैंक में आॅफिसर के पद पर कार्यरत हैं।

मां रश्मि की कड़ी मेहनत और बेटी के प्रति प्यार ही था कि कड़ी मुश्किलों के बावजूद उन्होंने बेटी को उसकी मंजिल तक पहुंचाया। 26 साल की अनु यादव अब देश के नामी बैंक में आॅफिसर के पद पर कार्यरत हैं। जिनकी ड्यूटी आजकल मनीमाजरा स्थित ब्रांच में है। रश्मि ने बताया कि बैंक द्वारा सिर्फ चार दिव्यांगों का चयन किया गया, जिसमें उनकी बेटी अकेली लड़की का चयन हुआ। बेटी को इस लायक बनाने में मां के साथ पिता मनजीत सिंंह यादव का भी बड़ा योगदान है, जिन्होंने बेटी के लिए अच्छी खासी नौकरी तक छोड़ दी। अनु की बड़ी बहन डाॅ. स्वाति सोलन मेें और बड़ा भाई आदित्य शांतनू अमेरिका में माइक्रोसाॅफ्ट में नौकरी करता है। दोनों ही छोटी बहन अनु का पूरा ख्याल रखते हैं। मां कहती हैं कि वह अपनी बेटी की शादी भी धूमधाम से करेंगे। रश्मि मूल रूप से हरियाणा के रोहतक और उनके पति रेवाड़ी जिले के निवासी हैं।

दिव्यांगता को छुपाने की जरुरत नहीं, बदलें समाज की सोच

रश्मि यादव ने कहा कि उन्होंने कभी भी बेटी की दिव्यांगता को समाज से छुपाया नहीं। हर शादी समारोह में बेटी को लेकर जाते थे। रश्मि का कहना है कि आज भी पेरेंट्स स्पेशल बच्चों को समाज के सामने लाने से हिचकते हैं, लोगों को एेसी सोच को बदलना होगा, स्पेशल बच्चे सच में स्पेशल होते हैं। उन्होंने कहा कि बेटी अनु बहुत ही अच्छा खाना बनाती है और कंप्यूटर की काफी नाॅलेज रखती है। मां रश्मि कहती हैं कि सरकार दिव्यांगों को लेकर काफी उदासीन है। काबिल होते हुए भी एेसे युवाओं को नौकरी से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए तीन फीसद कोटा तो है, लेकिन लिखित परीक्षा और अन्य कड़े नियमों के कारण इसका लाभ नहीं मिल पाता। साथ ही उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में स्पेशल बच्चों के स्पेशल टीचर और स्कूल होने चाहिए।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें  

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.