जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) के मकानों में रहने वाले अलाटी इस बात को दिमाग में बैठा लें कि अगर बिना परमिशन किसी तरह की कंस्ट्रशन या मेंटेनेंस वर्क किया तो खैर नहीं। क्योंकि सीएचबी के मकानों में की जा रही फ्रेश कंस्ट्रक्शन के खिलाफ जबरदस्त अभियान चल रहा है। इससे बोर्ड की टीम जीरो टालरेंस की नीति से निपट रही है। यहां बोर्ड के सभी अलाटी को एक अहम जानकारी दी जा रही है कि अगर उनको अपने मकान में कोई मेंटेनेंस वर्क या रिपेयर का काम कराना है तो इसकी पहले बोर्ड से मंजूरी लें। बिना मंजूरी ऐसा कोई भी काम आपको मुश्किल में डाल सकता है।
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड बिना मंजूरी किए जाने वाले ऐसे किसी भी काम को फ्रेश कंस्ट्रक्शन में गिनता है। अगर बोर्ड की इंस्पेक्शन टीम ने ऐसा करते हुए पकड़ लिया तो वह मौके पर ही नोटिस थमा देंगे। फिर अगर मकान में कोई और बदलाव किया होगा तो इसके खिलाफ भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। कई मामलों में ऐसा हो भी रहा है।
हालांकि ज्यादातर केस ऐसे हैं जिनमें अलाटी कोई न कोई अतिरिक्त निर्माण अवैध तौर पर कर रहा है। कोई अतिरिक्त मंजिल बना रहा है तो कोई बाहर से सीढ़ियां बना रहा है। इन केस में बोर्ड नोटिस देकर सीधे इन्हें गिराने की कार्रवाई कर रहा है।
सीएचबी की टीम ने सेक्टर-46 में ऐसे दो मकानों की पहचान की है जिन्होंने अवैध निर्माण कर रखा है। इन मकानों के इस निर्माण को कभी भी तोड़ा जा सकता है। बारिश रुकते ही यहां कार्रवाई होगी। इसके लिए बोर्ड की टीम इंतजार कर रही है। हालांकि अलाटी के पास मौका है कि वह खुद इस निर्माण को तोड़ ले तो वह कार्रवाई से बच सकता है।
इससे पहले सीएचबी ने सेक्टर-46 में दो मकानों पर ऐसी कार्रवाई की। इन मकानों में ममटी के आकार में अतिरिक्त फ्लोर बनाई गई थी। सीढ़ियों के ऊपर यह निर्माण किया गया था। जिन मकानों से अवैध निर्माण तोड़ा गया है उनके तोड़ने पर आए खर्च की गणना हो रही है। यह खर्च अलाटी से ही रिकवर किया जाएगा अगर अलाटी यह खर्च जमा नहीं कराता तो मकान का आवंटन रद किया जाएगा।
सरकारी और पब्लिक लैंड पर अवैध कंस्ट्रक्शन और कब्जे के खिलाफ बोर्ड जीरो टालरेंस की नीति अपना रहा है। बोर्ड ने फ्रेश कंस्ट्रक्शन के खिलाफ चालान या नोटिस जारी कर रखा है उन्हें तुरंत यह निर्माण हटाना होगा। ऐसा नहीं करने पर बोर्ड खुद इसे हटाने की कार्रवाई करेगा और इसका खर्च भी अलाटी से वसूल किया जाएगा। बोर्ड इसे हटाता है तो बुलडोजर का इस्तेमाल करने से उस मकान को तो नुकसान पहुंचेगा ही साथ लगते मकान को भी क्षति हो सकती है। उसके ढांचे को नुकसान हो सकता है। इसकी जिम्मेदारी भी अलाटी की ही होगी।
बोर्ड सीईओ यशपाल गर्ग ने कहा कि सरकारी जमीन पर किए गए अतिरिक्त निर्माण को बिना किसी नोटिस के तुरंत हटाना होगा। फ्रैश कंस्ट्रक्शन रोकने के लिए बोर्ड की टीम लगातार ग्राउंड सर्वे करती है। अगर कहीं ऐसा मिलता है तो मौके पर ही नोटिस दिया जाता है।