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कुत्ते के काटने पर नहीं मिला इंजेक्शन, 19 डिस्पेंसरी में जमकर हंगामा

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-19 की डिस्पेंसरी में कुत्ता काटने के इंजेक्शन को लेकर श

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 09:30 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 09:30 PM (IST)
कुत्ते के काटने पर नहीं मिला इंजेक्शन, 19 डिस्पेंसरी में जमकर हंगामा
कुत्ते के काटने पर नहीं मिला इंजेक्शन, 19 डिस्पेंसरी में जमकर हंगामा

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-19 की डिस्पेंसरी में कुत्ता काटने के इंजेक्शन को लेकर शनिवार को हंगामा हो गया, जो दो घंटे तक चलता रहा। कांग्रेस के सोशल मीडिया के चंडीगढ़ के चेयरमैन यादविंदर मेहता की बहन को शनिवार सुबह 9 बजे आवारा कुत्ते ने काट लिया। जिसके तुरंत बाद उन्हें सेक्टर 19 की डिस्पेंसरी मे लाया गया। यादविंदर के अनुसार उन्होंने डॉ.निशा को अपनी बहन को दिखाया और बताया कि उन्हें लीवर से संबंधित समस्या भी है। एसएमओ डॉ. निशा ने बाहर की केमिस्ट से एक सीरम लाने को कहा, जिनकी कीमत 380 रुपये थी। जब वे इंजेक्शन लाए, तो डॉ. निशा ने इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया और दूसरा इंजेक्शन लाने को बोला, जिसकी कीमत 6 हजार रुपये थी। जैसे ही उन्होंने डॉक्टर से इंजेक्शन बदलने की वजह पूछी तो उन्हें बाहर जाने को कहा गया। जिसके बाद उन्होंने विरोध किया और पार्टी की नेता दीपा दुबे को बुलाया। जब उन्होंने डॉ. निशा से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने बताया कि पिछले 2 महीने से इंजेक्शन का स्टॉक खत्म है। हंगामा बढ़ने के बाद वहां कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला पहुंचे। डॉक्टर बोलीं : सबको पता है, इंजेक्शन नहीं है

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उन्हें डॉ. निशा ने कहा कि इन सब चीजों की जानकारी मेयर मोदगिल व कमिश्नर को भी है। बबला ने कहा कि गंभीर मामला है, आने वाली सदन की बैठक में मामला उठाएंगे। बाद में डॉ. निशा ने माफी मांगते हुए उन्हें खर्च के सारे पैसे देने को कहा, जिसके बाद अन्य मरीजों ने भी पैसे मांग लिए। हमारे पास इंजेक्शन का स्टाक नहीं हैं। जिसकी वजह से उन्हें बाहर से इंजेक्शन लाने के लिए बोला गया था। हमारी तरफ से कोई भी लापरवाही नहीं बरती गई।

डॉ. निशा शाही, सिविल डिस्पेंसरी बाहर से ही आती हैं सारी दवाइयां

रामदरबार के फेज-1 के निवासी कमलजीत का कहना है कि उनकी पत्‍‌नी को कुछ दिन पहले एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था। सेक्टर-19 की डिस्पेंसरी में उन्हें 6000 के इंजेक्शन लगवाए गए। हर इंजेक्शन बाहर से ही लेकर आना पड़ा। मामले की सूचना मिलते ही कमिश्नर ने इस संबंध में स्वास्थ्य निदेशक से बात की। तब पता चला कि इंजेक्शन और सीरम खरीदने का टेंडर अलॉट नहीं हुआ है। ऐसे में सोमवार को एमओएच को तत्काल प्रभाव से इंजेक्शन खरीदने के लिए कहा गया है। एमओएच को कहा गया है कि आगे से इंजेक्शन डिस्पेंसरी में समाप्त नहीं होने चाहिए।

-देवेश मोदगिल, मेयर


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