वैक्सीनेशन से 48 घंटे पहले और बाद में न पिएं शराब, पंजाब कोविड रिव्यू कमेटी के चेयरमैन डॉ. तलवाड़ ने दिए टिप्स
अगर आप कोरोना वैक्सीनेशन करवाने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इससे 48 घंटे पहले और 48 घंटे बाद तक शराब का सेवन कतई न करें। शराब से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। अगर आप कोरोना वैक्सीन लगवाने जा रहे हों तो इस बात का ध्यान रखें कि वैक्सीन लगवाने से 48 घंटे पहले शराब को हाथ न लगाएं। वहीं, वैक्सीन लगाने के 48 घंटे बाद भी इसी बात का अनुपालन करे, क्योंकि अगर आप शराब पीते हैं तो वैक्सीन शायद आपकी उतनी रक्षा न कर सके, जितनी करनी चाहिए।
यह कहना है, पंजाब में कोविड रिव्यू कमेटी के चेयरमैन डॉ. केके तलवाड़ का। उनका कहना है कि शराब पीने से आपके शरीब की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे में जब आप वैक्सीन लगवाते हैं तो उसका असर कम हो सकता है। वहीं, कोरोना वायरस को लेकर डा. तलवाड़ ने दावा किया कि अगर सभी लोग केवल मास्क पहनना शुरू कर दें तो एक माह के भीतर यह वायरस विलुप्त हो जाएगा।
डॉ. तलवाड़ का कहना है कि यह वायरस इसलिए फैल रहा है क्योंकि हम उसे ऐसा करने दे रहे हैं। यह साइंटिफिक प्रमाणित है कि मास्क पहनने से आपके पॉजीटिव होने की संभावना 70 फीसद तक कम हो जाती है। अगर सभी मास्क पहन लें और उसमें लापरवाही न बरतें तो हम एक माह के भीतर कोरोना को मिटाने में कामयाब हो जाएंगे।
पंजाब में कोरोना की दूसरी लहर को चरम पर मानते हुए डॉ. तलवाड़ ने कहा, पहली लहर में 3000 औसत केस आ रहे थे। दूसरी लहर में 7000 के करीब आ रहे हैं। आंकड़े दिखा रहे हैं कि कोरोना अब अपने पीक पर है। अगले दो सप्ताह के बाद केसों में कमी आनी चाहिए। देश में बनी दोनों ही वैक्सीन को सुरक्षित बताते हुए डॉ. तलवाड़ कहते हैं, चाहे कोविशील्ड हो या कोवा वैक्सीन दोनों के रिजल्ट 78 फीसद के करीब हैं। अलबत्ता हमें यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि वैक्सीन लगाने से 48 घंटे पहले व 48 घंटे बाद तक शराब को नहीं पीना चाहिए, ताकि वैक्सीन पूर्ण रूप से अपना काम कर सके।
दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए डॉ. तलवाड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोरोना की लड़ाई जीतने के बाद 6 सप्ताह के बाद कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगवा सकता है। 6 से 8 सप्ताह के भीतर वैक्सिनेशन करवाना अच्छा रहता है। लोगों पर हमेशा ही पूर्ण लाकडाउन की तलवार लटने के संबंध में पूछे जाने पर डॉ. तलवाड़ कहते हैं, कोई भी सरकार इस तरह की बंदिशें लगाने के हक में नहीं होती है, लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि आज लड़ाई लोगों की जान बचाने की है, क्योंकि पॉजीटिव केस बढ़ने के साथ-साथ मृत्यु दर भी बढ़ रही है। जिसके घर में मौत हो गई है, उनके यहां की मनोदशा क्या होगी। यह बात हमें समझनी चाहिए।
डॉ. तलवाड़ का कहना है कि इतनी भयावह त्रासदी जिसे हम रोजाना अपनी आंखों से भी देख रहे है लेकिन मानने को तैयार नहीं है। जवान लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो रही है। अस्पताल मरीजों से भर रहे हैं। आप जितना मर्जी इनफ्रास्ट्रक्टर खड़ा कर लें, लेकिन जब भी मरीज की संख्या उससे ज्यादा होगी अस्पताल छोटे हो ही जाएंगे। हमें अस्पतालों में बैडों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ मरीजों की संख्या भी कम करनी ही होगी। इसके लिए आम लोगों को आगे आना ही होगा। क्योंकि अगर लोग प्रोटोकाल का पालन मात्र कर ले, उससे भी बिमारी खत्म हो सकती है।