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पंजाब के कांग्रेस सांसद बिट्टू का विवादित बयान, कहा- अकालियाें ने पवित्र सीटें बसपा को दीं

पंजाब से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्‍होंने कहा है कि अकालियों ने राज्‍य की पवित्र सीटें बहुजन समाज पार्टी को दे दिया है। इस पर बवाल मचा तो बिट्टू ने सफाई दी हैलेकिन पूरे मामले में कांग्रेस भी घिर गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 09:03 AM (IST)
पंजाब के कांग्रेस सांसद बिट्टू का विवादित बयान, कहा- अकालियाें ने पवित्र सीटें बसपा को दीं
पंजाब के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। विवादित बयान देकर अपने और कांग्रेस के लिए हमेशा मुश्किलें खड़ी करने वाले युवा सांसद व राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले रवनीत सिंह बिट्टू ने एक बार फिर से पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। पार्टी नेताओं की मानें तो उनका यह बयान उनके लिए राजनीतिक आत्महत्या करने वाला साबित हो सकता है। बिट्टू ने कहा है कि अकालियाें ने पंजाब की पवित्र सीटें बहुजन समाज पार्टी को दे दी है। इस पर पंजाब की सियासत में हंगामा मच गया। इसके बाद बिट्टू ने सफाई दी।

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रवनीत बिट्टू ने एक टीवी चैनल पर शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के बीच हुए समझौते पर टिप्पणी की है। इसमें उन्होंने कहा, पवित्र सीटें श्री आनंदपुर साहिब और श्री चमकौर साहिब शिरोमणि अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी को दे दी हैं। इंटरनेट मीडिया पर सांसद बिट्टू के इस बयान को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ गई और इसके चलते शाम तक उन्हें सफाई देनी पड़ी।

बिट्टू ने अपनी सफाई में एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, मेरा मतलब यह नहीं था कि यह अनुसूचित जातियों को दे दी गई हैं। मेरे कहने का मतलब यह था कि यह पंथक सीटें हैं और बेअदबी कांड में घिरे होने के कारण अकाली दल इन सीटों पर से भाग गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि बसपा की बात होने का मतलब यह नहीं है कि बात अनुसूचित जातियों की हो रही है।

अपने सफाई के बयान में बिट्टू यह साफ नहीं कर सके कि श्री आनंदपुर साहिब सीट तो पिछले ढ़ाई दशकों से अकाली दल लड़ नहीं रहा है। यह सीट अकाली-भाजपा समझौते में भाजपा के पास थी। इंटरनेट मीडिया में उनकी सख्त आलोचना हो रही है। अवतार सिंह नामक एक व्यक्ति ने कहा कि श्री आनंदपुर साहिब में तो सभी जातियां इकट्ठी करके खालसा पंथ की स्थापना की गई थी। गुरप्रीत सिंह हीरा कि इसे इतिहास की जानकारी नहीं है। इसीलिए बेतुकीं बातें कर रहा है। वैसे यह भी अपने आप को भविष्य का मुख्यमंत्री समझ रहे हैं।

गुरप्यार हरिनौ ने लिखा है कि कोई इससे पूछे कि इनके पुरखों ने क्या कुर्बानियां की हैं इन शहरों को पवित्र बनाने के लिए। कुर्बानी हमारे पुरुखों ने दी हैं। ये लोग तो चौधरी बनकर बैठ गए। इस तरह कई अन्य लोगों ने सांसद बिट्टू को बुरा भला कहा है। इन आलोचनाओं को देखते हुए बिट्टू ने शाम को वीडियो जारी की और कहा कि उनका आश्य दलितों के बारे में बिल्कुल नहीं था।

उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि ये दोनों पवित्र सीटे हैं और पंथक सीटें हैं। शिरोमणि अकाली दल ने जानबूझकर यह सीटें बसपा को दी हैं ताकि उन्हें यहां मुखालफत का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि बसपा का मतलब यह नहीं है कि बात अनुसूचित जातियों की हो रही है। मेरे दादा बेअंत सिंह के साथ लंबा समय तक रहने वाले पूर्व विद्यायक मलकीत सिंह दाखा अनुसूचित जाति के रहे हैं। बसपा से ज्यादा दलित आबादी कांग्रेस को वोट देती है। जो लोग मेरे बयान को दलितों से जोड़ रहे हैं वह उसे तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। उधर, पार्टी ने बिट्टू के बयान पर चुपी साध ली है। हालांकि एक सीनियर नेता ने कहा कि बिट्टू बिना सोचे समझे बयान दे देते हैं और भुगतना पार्टी को पड़ेगा।

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