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क्रशर मालिकों और माइनिग ठेकेदारों के बीच विवाद और गहराया

डेराबस्सी हलके के क्रशर मालिकों एवं रॉयल्टी के नाम पर गुंडा टैक्स वसूलने वाले माइनिग ठेकेदारों के बीच लड़ाई और गहराती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 09:27 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 09:27 PM (IST)
क्रशर मालिकों और माइनिग ठेकेदारों के बीच विवाद और गहराया
क्रशर मालिकों और माइनिग ठेकेदारों के बीच विवाद और गहराया

संवाद सहयोगी, डेराबस्सी : डेराबस्सी हलके के क्रशर मालिकों एवं रॉयल्टी के नाम पर गुंडा टैक्स वसूलने वाले माइनिग ठेकेदारों के बीच लड़ाई और गहराती जा रही है। मुबारिकपुर क्रशर एसोसिएशन के सदस्यों ने भी माइनिग ठेकेदारों और उनकी कारगुजारी की सीबीआइ जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि माइनिग ठेकेदारों ने गुंडा टैक्स को रॉयल्टी वसूलना बताते हुए एक तरह से अपना गुनाह कबूल कर लिया है। जंगलात क्षेत्र में पकड़ी गई थी पोकलेन मशीन

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माइनिग ठेकेदारों द्वारा क्रशर मालिकों की सीबीआइ जांच कराने की चुनौती स्वीकार करते हुए क्रशर एसोसिएशन के अमरजीत बांसल ने कहा कि जंगलात क्षेत्र में छतबीड़ जू के साथ लगते इलाके में जो पोकलेन मशीन पकड़ी गई है, उसका इंजन 16 अक्टूबर को सीज होने के कारण नोयडा भेज गया, जबकि यह मशीन 16 अक्टूबर से पहले वहां गैरकानूनी माइनिग कर रही थी। क्योंकि वहां कोई माइनिग खड्ड नीलाम ही नहीं हुई है। इसकी भी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। आरटीआइ डालकर लगाया जाएगा पता

एसोसिएशन ने कहा कि वह आरटीआइ डालकर यह पता लगाना चाहती है कि डेढ़-दो साल पहले इन्हीं ठेकेदारों ने मुबारिकपुर व सुंडरा आदि पर अवैध माइनिग करके कुछ महीने में पैसे इकट्ठे करके यहां का ठेका यह कहकर सरेंडर कर दिया कि इनमें अब कोई माल नहीं है। यही वजह है कि इन माइनिग साइट या खंडों की नीलामी नहीं हुई है। एसोसिएशन पहले भी पत्र के जरिए जिला उपायुक्त से मांग कर चुकी है कि वह अपने दफ्तर में माइनिग ठेकेदारों के साथ मीटिग करवाएं। क्रशर मालिक पूछना चाहते हैं कि जो प्राइवेट ठेकेदार गुंडा टैक्स नहीं वसूल कर रहे तो उनके कारिदे क्रशर मालिकों या मीडिया कर्मियों को देख भाग क्यों जाते हैं। इसके अलावा क्रेशर वाले इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग करती है। सरकार की शह पर पुलिस कर रही क्रशरों को सील

एसोसिएशन ने कहा कि खुद को माइनिग ठेकेदार बताने वाले जम्मू निवासी राकेश चौधरी, गंगानगर वासी अशोक चांडक, दीपक सिंह मोंगा, सनी वालिया, राजीव जाखड़ और मुकुल गर्ग ने गुंडा टैक्स को रॉयल्टी वसूलना बताते हुए एक तरह से अपना गुनाह कबूल कर लिया है। सरकार की शह पर माइनिग महकमा व पुलिस क्रशरों को सील करने, वाहनों को नाके लगाकर रोकने, क्रशर मालिकों पर पर्चे करने जैसे गलत तरीके अपनाकर रॉयल्टी के नाम पर गुंडा टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि इनके पास न तो कोई नदी खड्ड अलॉट है, न ही वहां क्रशरों को देने के लिए कच्चे माल के तौर पर कोई गटका पत्थर ग्रेवल जैसा माल है जबकि सारा कच्चा माल हरियाणा से बकायदा जीएसटी और रॉयल्टी अदा करने के बाद पंजाब पहुंच रहा है।


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