राजबाला ने अरुण सूद को कहे अपशब्द, हाउस मीटिंग में हंगामा
स्वच्छता में शहर को नंबर वन बनाने के कई एजेंडों पर चर्चा के दौरान काउंसलर अरुण सूद को राजबाला मलिक ने कहा कि कितना भौंक रहे हैं। इस पर भड़के अरुण सूद ने राजबाला मलिक का जमकर विरोध किया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्वच्छता में शहर को नंबर वन बनाने के कई एजेंडों पर चर्चा के दौरान काउंसलर अरुण सूद को राजबाला मलिक ने कहा कि कितना भौंक रहे हैं। इस पर भड़के अरुण सूद ने राजबाला मलिक का जमकर विरोध किया। हाउस में हंगामा इस कदर बढ़ गया कि शांत करने के लिए कांग्रेस की काउंसलर गुरबख्श रावत और दविंद्र बबला भी उन्हें बिठाने गए। इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ तो मेयर देवेश मौदगिल ने लंच के बाद तक हाउस स्थगित कर दिया। दरअसल अरुण सूद स्वच्छता के एजेंडा पर अपनी बात रख रहे थे। इस बीच राजबाला मलिक ने बीच में टोकते हुए कहा कि हाउस में और भी काउंसलर है उन्हें भी बोलने दो। इस आदमी को इतना समय क्यों दिया जा रहा है। अरुण सूद ने कहा कि इस आदमी क्या शब्द होता है। मेयर की इजाजत से बोल रहे हैं जिसको बोलना है वह मेयर से बोलने की बजाए उन्हें क्यों बोल रहा है। सूद ने कहा कि वह एजेंडे को तीन बार पढ़कर आते हैं इसलिए गहराई से चर्चा करते हैं। आपकी तरह नहीं जिन्हें कोई जानकारी न हो। राजबाला मलिक ने कहा कि इतना भौंकने की कौनसी बात है वह सब अच्छे से जानती हैं। पूरे हाउस ने भौंकने शब्द पर आपत्ति जताई। काउंसलर एमएस कांडल ने कहा कि हाउस में जो बोले वह मेयर की इजाजत के बाद बोले। हाउस में ऐसा रवैया सभी की इमेज खराब करता है। साथ ही दोनों को शांत रहने की अपील की। लेकिन दोनों चिल्लाने से नहीं हटे तो हाउस स्थगित करना पड़ा। काउंसलर्स ने एजेंडा समय से नहीं मिलने का लगाया आरोप
कई काउंसलर्स ने हाउस मीटिंग का एजेंडा कुछ घंटे पहले ही मिलने की बात कही। नॉमिनेटिड काउंसलर सचिन लौटिया ने विरोध जताते हुए कहा कि इतने महत्वपूर्ण 600 पेज के एजेंडे कोई एक दो घंटे में कैसे पढ़ सकता है जबकि नियम 72 घंटे पहले मिलने का है। विरोध में सचिन हाउस मीटिंग छोड़ जाने लगे तो अरुण सूद ने उन्हें मनाया। मेयर ने कमिश्नर से इस मामले का आगे से ध्यान रखने को कहा।