Move to Jagran APP

लोगों पर आफत, डिफाल्टरों पर मेहरबानी

एक अप्रैल से शहरवासियों के पानी के रेट बढ़ गए हैं। अब लोगों के दो माह का पानी का बिल बढ़े हुए रेट से आ रहा है लेकिन डिफाल्टरों से नगर निगम पानी के बिल वसूल नहीं कर पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 11:54 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 11:54 PM (IST)
लोगों पर आफत, डिफाल्टरों पर मेहरबानी
लोगों पर आफत, डिफाल्टरों पर मेहरबानी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : एक अप्रैल से शहरवासियों के पानी के रेट बढ़ गए हैं। अब लोगों के दो माह का पानी का बिल बढ़े हुए रेट से आ रहा है, लेकिन डिफाल्टरों से नगर निगम पानी के बिल वसूल नहीं कर पा रहा है। अधिकारियों ने कभी यह जानने का भी प्रयास नहीं किया कि जिन डिफाल्टरों का कनेक्शन काट दिया जाता है, उसके बाद वह पानी का प्रयोग कहां से करते हैं। डिफाल्टरों में ऐसे बड़े लोग भी शामिल हैं जिनसे लाखों रुपये वसूलना बाकी है।

loksabha election banner

नगर निगम ने डिफाल्टरों से 56 करोड़ रुपये वसूलने हैं। इसकी जानकारी शुक्रवार को सदन की बैठक में दी गई। कांग्रेस के पार्षद जसबीर सिंह बंटी ने पानी के डिफाल्टरों को लेकर सवाल पूछा था, जिसका लिखित में जवाब दिया गया है कि 56 करोड़ डिफाल्टरों पर बकाया है। सवाल का जवाब आने के बाद कांग्रेस पार्षद जसबीर सिंह बंटी ने कमिश्नर को कहा कि इसकी वसूली के लिए कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर यह वसूली कर ली जाती, तो इस साल पानी के रेट बढाने की जरूरत नहीं पड़ती। बिल का भुगतान न करने पर डिफाल्टरों के पानी के कनेक्शन काट दिए जाते हैं। बावजूद वह अवैध कनेक्शन लगाकर पानी का प्रयोग करते हैं। शहरवासियों पर टैक्स लगाने के बजाए डिफाल्टरों से वसूली को लेकर नीति बनाई जानी चाहिए। अधिकारियों के अनुसार बिल भुगतान के बाद ही कनेक्शन बहाल किया जाता है। नगर निगम के जनस्वास्थ्य विभाग ने गांव फैंदा में भी पानी के अवैध कनेक्शन काटे हैं, जिसको लेकर वार्ड पार्षद जसबीर सिंह लाडी ने सवाल खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि पानी की सप्लाई मूलभूत सुविधा में आता है ऐसे में इसके कनेक्शन कैसे काटे जा सकते हैं।

रेट बढ़ाने के बाद भी रूरा नहीं होगा घाटा

नगर निगम ने बेशक पानी के रेट बढ़ा दिए हैं, लेकिन रेट बढ़ाने के बावजूद नगर निगम का घाटा पूरा नहीं हुआ है। नगर निगम को अभी भी साल का 50 से 60 करोड़ का घाटा हो रहा है। जनस्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस समय 30 फीसद पानी लीकेज के कारण बर्बाद हो रहा है। लोगों का कहना है कि इस लीकेज को दूर करके घाटा कम किया जा सकता है, लेकिन निगम का दावा है कि जल्द ही 24 घंटे पानी की सप्लाई के प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा। साल 2027 से शहर में इस प्रोजेक्ट के तहत 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। जिससे पानी की लीकेज के कारण होने वाली बर्बादी 15 फीसद कम हो जाएगी।

कोट्स

डिफाल्टरों से पानी का बकाया वसूल करने का प्रयास किया जा रहा है। इस साल ऐसे डिफाल्टरों से 14 करोड़ की वसूली की गई है। बाकी राशि को भी वसूलने का अभियान जारी है।

-आनिदिता मित्रा, कमिश्नर, नगर निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.