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Bribery Case: साल 2017 के रिश्वत केस में जसविंदर कौर को राहत, DIG ने नहीं दी केस चलाने की इजाजत

2017 के रिश्वत केस में गवाह प्रेम सिंह बिष्ट ने सीबीआइ अदालत में 15 जुलाई को एक नई याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने जसविंदर कौर के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांगी थी।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 04:13 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 04:13 PM (IST)
Bribery Case: साल 2017 के रिश्वत केस में जसविंदर कौर को राहत, DIG ने नहीं दी केस चलाने की इजाजत
Bribery Case: साल 2017 के रिश्वत केस में जसविंदर कौर को राहत, DIG ने नहीं दी केस चलाने की इजाजत

चंडीगढ़, जेएनएन। पूर्व एसएचओ जसविंदर कौर को साल 2017 रिश्वत मामले में राहत मिली है। इस मामले में डीआइजी ने जसविंदर कौर के खिलाफ केस चलाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। डीआईजी ने सीबीआई स्पेशल अदालत में अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस जांच में जसविंदर कौर के खिलाफ कोई ऐसा सुबूत नहीं मिला है, जिससे यह साबित हो सके कि रिश्वत के इस मामले में जसविंदर कौर भी शामिल थीं। मामले में बुधवार को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी

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बता दें कि वर्ष 2017 के रिश्वत केस में गवाह प्रेम सिंह बिष्ट ने सीबीआइ अदालत में 15 जुलाई को एक नई याचिका लगाई थी। इस पर अदालत ने डीआइजी/कंपीटेंट अथॉरिटी को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए थे। बिष्ट ने याचिका लगाई थी कि वर्ष 2017 के रिश्वत मामले में जसविंदर कौर पर केस चलाने के लिए अदालत ने गत 13 फरवरी को अथॉरिटी से मंजूरी मांगी थी पर उसने पांच महीने बाद भी इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। बिष्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगर कोई अथॉरिटी तीन महीने तक कोई जवाब नहीं देती तो उस पर केस चलाया जा सकता है। इस पर अदालत ने डीआइजी को स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है।

यह है मामला

शिकायतकर्ता बिष्ट ने सीबीआइ को दी शिकायत में बताया था वर्ष 2017 में उसके तीन कर्मचारियों को हत्या के प्रयास के केस से बाहर करने की एवज में एसआइ मोहन सिंह ने सेक्टर-31 थाना एसएचओ जसविंदर कौर के कहने पर नौ लाख रुपये की डिमांड की थी। इसमें से आठ लाख रुपये जसविंदर को जाने थे। जब एसआइ मोहन सेक्टर-31 की मार्केट में रिश्वत की पहली किश्त दो लाख रुपये लेने के आया तो सीबीआइ ने रिश्वत लेते हए उसे गिरफ्तार कर लिया। तब सीबीआइ ने जसविंदर और मोहन के खिलाफ मामला दर्ज किया था। फिर, वर्ष 2018 में चालान पेश किया तो जसविंदर कौर को क्लीन चीट दे दी गई। इसके बाद ही बिष्ट ने कोर्ट में जसविंदर को आरोपित बनाने के लिए याचिका लगाई थी। वहीं, इसके बाद जसविंदर को मनीमाजरा थाने में एसएचओ तैनात किया गया था। फिर, गत जून में जसविंदर कौर के खिलाफ सीबीआइ ने रिश्वत का एक और मामला दर्ज किया, जिसमें उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 

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