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जिंदगी में मुश्किल हालात ही बनाते हैं खिलाड़ी को चैंपियन

अगर मंजिल पाने के इरादों में जज्बा हो तो वह वह मिल ही जाती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 08:20 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 08:20 PM (IST)
जिंदगी में मुश्किल हालात ही बनाते हैं खिलाड़ी को चैंपियन
जिंदगी में मुश्किल हालात ही बनाते हैं खिलाड़ी को चैंपियन

डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़ : जिंदगी में मुश्किलें कैसी भी हों। अगर मंजिल पाने के इरादों में जज्बा हो तो वह वह मिल ही जाती है। चंडीगढ़ पुलिस में 2005 में भर्ती होने वाले हेड कांस्टेबल अमित यादव युवाओं के लिए रोल मॉडल से कम नहीं हैं। उनका टारगेट देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतना है। कड़ी मेहनत के दम पर रेसलिग और वुशू में इन्होंने नेशनल लेवल पर अपना दबदबा कायम किया है। मेडलों की लंबी लिस्ट के बाद चंडीगढ़ पुलिस में अमित यादव को प्रमोशन देकर सम्मानित किया गया है। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में अमित ने जिंदगी में कड़े संघर्ष से जुड़ी यादों को ताजा किया। उन्होंने कहा कि यह सोच बिल्कुल गलत है कि शादी के बाद रेसलिंग में करियर नहीं बन सकता, मैंने तो 19 साल की उम्र में शादी के बाद ही सभी बड़े मेडल हासिल किए हैं। जिसे वह अपनी स्वर्गीय मां को समर्पित करते हैं। हालात से लड़ना सीखो, कभी हार नहीं मानना मूल मंत्र

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हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गनयार गांव के मूल निवासी रेसलर अमित यादव के लिए जिंदगी का सफर आसान नहीं रहा। छोटी उम्र में ही मां दुनिया से चल बसी। पिता रावत सिंह और दादा-दादी ने पाला। परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। दिमाग में बस पुलिस में नौकरी पाने का जुनून था, ओवरवेट होने के कारण अखाड़े में जाने लगा। कड़ी मेहनत के बाद केवल 18 साल की उम्र में चंडीगढ़ पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ। 2011 में पहली बार ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में रेसलिग में पहला मेडल जीता। अभी तक रेसलिग और वुशू में 25 से अधिक मेडल जीत चुके हैं जिसमें 10 नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में जीते हैं। साल की शुरुआत गोल्ड मेडल से, अब ओलंपिक पर नजर

रेसलिग के प्रति अमित में गजब का जुनून है। मनीमाजरा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में प्रतिदिन चार से पांच घंटे की कड़ी प्रेक्टिस करते हैं। 2020 की शुरुआत नई दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर की है। अगला टारगेट हरियाणा के मधुबन में 24 से 28 फरवरी तक होने वाले ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में जीत हासिल करना है। यहां गोल्ड मेडल जीतने वाले को व‌र्ल्ड पुलिस गेम्स में जाने का मौका मिलेगा। असल टारगेट छह महीने बाद दिल्ली में एशियन गेम्स में मेडल जीतना है, यहीं से उन्हें ओलंपिक का टिकट मिलेगा। अमित 90 प्लस वेट के खिलाड़ी हैं। परिवार में पत्नी संतोष और दो बेटे जतिन और रुद्र का पूरा स्पोर्ट मिलता है।


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