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हरमनप्रीत के ऑनरेरी डीएसपी बनने पर भी फंसा पेंच, राजनेता व ब्यूरोक्रेसी में खींचतान

फर्जी डिग्री विवाद में फंसी क्रिकेटर हरमनप्रीत के ऑनरेरी डीएसपी पद को लेकर पेंच फंस गया है। ब्यूरोक्रेसी में इसको लेकर मतभेद है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 08:15 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 09:06 PM (IST)
हरमनप्रीत के ऑनरेरी डीएसपी बनने पर भी फंसा पेंच, राजनेता व ब्यूरोक्रेसी में खींचतान
हरमनप्रीत के ऑनरेरी डीएसपी बनने पर भी फंसा पेंच, राजनेता व ब्यूरोक्रेसी में खींचतान

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। महिला विश्व कप में अपनी बल्लेबाजी के दम पर पहचान बनाने वाली और ट्वेंटी-20 भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के डीएसपी पद को लेकर राजनेता व ब्यूरोक्रेसी में मतभेद पैदा हो गया है। ग्रेजुएशन की फर्जी डिग्री के कारण हरमन का डीएसपी पद खतरे में है।

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस हक में हैं कि ऑनरेरी डीएसपी बनाकर उसके पद को बचा लिया जाए, लेकिन ब्यूरोक्रेसी इसके हक में नहीं है। अहम पहलू यह है कि सीएमओ के अधिकारी ही इस हक में नहीं हैं कि ग्र्रेजुएशन के बिना हरमनप्रीत को डीएसपी बनाया जाए।

ब्यूरोक्रेसी जहां इस बात को लेकर चिंतित है कि अगर हरमनप्रीत को ऑनरेरी डीएसपी पद दिया गया तो इससे भविष्य में कई परेशानियां खड़ी हो जाएंगी। गोल्डन गर्ल मनजीत कौर का डीएसपी पद भी इसी कारण छिना था क्योंकि वह ग्रेजुएट नहीं थीं। खुलकर कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन ब्यूरोक्रेसी का यह कहना है कि इससे पुलिस फोर्स के मनोबल पर भी असर पड़ सकता है।

ब्यूरोक्रेसी के विरोध के कारण फिलहाल यह विवाद शांत होता नहीं दिख रहा है। एक वर्ग इस बात का भी इंतजार कर रहा है कि अगर सरकार हरमनप्रीत को डीएसपी बनाए रखती है तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

रोजाना फंस रहे नए पेंच के कारण सरकार हरमनप्रीत कौर को लेकर फिलहाल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि बिना ग्रेजुएशन किए डीएसपी पद नहीं दिया जा सकता है। यह जरूर है कि सरकार अपने वादे पर कायम रहेगी।

हरमनप्रीत ग्रेजुएशन कर ले तो उसे डीएसपी बना दिया जाएगा, बिना ग्रेजुएशन के कांस्टेबल पद पर ही काम करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि मोगा निवासी हरमनप्रीत कौर ने ग्रेजुएशन का जो प्रमाण पत्र पुलिस विभाग के पास जमा करवाया है वह जांच में फर्जी पाया गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा डीएसपी पद का ऑफर दिए जाने के बाद उसने रेलवे की नौकरी छोड़कर डीएसपी पद पर ज्वाइन किया था।

हरमनप्रीत कैसे बन सकती है रोल मॉडल : औलख

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के पूर्व वाइस चांसलर कृपाल सिंह औलख का कहना है कि हरमनप्रीत कौर युवाओं का रोल मॉडल कैसे बन सकती है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है- 'हैरानीजनक है कि उच्च नेता व डीजीपी हरमनप्रीत को डीएसपी बनाए जाने की पैरवी कर रहे हैं, जबकि उसने फर्जी प्रमाण पत्र देकर अपराध किया है। यह बात सही है कि उसने देश का मान बढ़ाया है, लेकिन अब वह धोखाधड़ी करके डीएसपी की नौकरी हासिल करेगी तो अधिकारी युवाओं के रोल मॉडल कैसे हो सकते हैं। अगर यह अमेरिका में होता तो 100 फीसद वह सलाखों के पीछे होती।'

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