डीजल के दाम 18 दिनों में 10 रुपये बढ़े, पंजाब के किसानों पर 1100 करोड़ का बोझ
पंजाब में डीजल की कीमत में 18 दिनों में 10 रुपये की वृद्धि हुई है। इससे किसानों पर भार पड़ा है। राज्य के किसानों पर 1100 करोड़ रुपये का भार पड़ा है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। डीजल के दाम पहली बार पेट्रोल से अागे हो गए हैं। 18 दिनों में डीजल के दाम में दस रुपये वृद्धि होने से पंजाब के किसानों पर 1100 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ गया है। यानी इस साल केंद्र सरकार की ओर से धान के मूल्य में जो 53 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई थी, उसका 50 फीसद तो डीजल वृद्धि ही खा गई है। उधर, भारतीय किसान यूनियन ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। खेती विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य को फिर से रिवाइज करने को कहा है।
खेती विशेषज्ञों ने कहा, दाम बढऩे से एमएसपी फिर से तय हो
गौरतलब है कि पूरे साल में पंजाब के किसानों की डीजल की खपत 11 लाख किलोलीटर है। इसमें सबसे ज्यादा खपत दस जून से लेकर 15 जुलाई के बीच में होती है, क्योंकि इन दिनों में धान की रोपाई के लिए खेतों को तैयार किया जाता है और रोजाना घंटों ट्रैक्टर इसी काम के लिए चलते हैं। ज्यों ज्यों उनकी रोपाई के काम में तेजी पकड़ रही है, डीजल के दाम में हो रही वृद्धि उन पर बोझ बढ़ा रही है।
इस बार केंद्र सरकार ने बढ़ाया था 53 रुपये बढ़ाया था एमएसपी
खेती विशेषज्ञ इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि जब क्रूड ऑयल की कीमत कम है तो डीजल और पेट्रोल के दाम क्यों बढ़ाए जा रहे हैं। पंजाब किसान आयोग के चेयरमैन अजयवीर जाखड़ ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने एमएसपी में तीन फीसद वृद्धि करके 53 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की।
खेती एवं लागत मूल्य आयोग ने खेती की इनपुट में 5.1 फीसद वृद्धि का अनुमान लगाते हुए ऐसा किया था, लेकिन पिछले दस दिनों में 50 फीसद एमएसपी वृद्धि तो डीजल के बढ़े हुए दाम में चली गई है। इसलिए अब एमएसपी को फिर से रिवाइज करने की जरूरत है। अन्यथा किसानों को बहुत बड़ा घाटा होगा।
नहीं मिलता एमएसपी का लाभ
खेती नीति मामलों के माहिर दविंदर शर्मा ने कहा है कि डीजल के दाम में वृद्धि होने से किसानों पर 1100 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ गया है। एक ओर केंद्र सरकार लगातार एमएसपी बढ़ाने के दावे कर रही है, लेकिन दूसरी ओर खेती की इनपुट किस अनुपात में बढ़ रही है। अगर इसका आकलन किया जाए तो एमएसपी में वृद्धि तो किसानों को पल्ले पड़ती ही नहीं है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां पर मंडीकरण की व्यवस्था है और सरकारी एजेंसियां धान की खरीद करती हैं, वहां तो फिर भी किसानों को एमएसपी मिल जाएगा, लेकिन देश के बाकी राज्यों के किसानों का क्या हाल होगा?
पंजाब सरकार ने मई में बढ़ाया था तीन फीसद वैट
पंजाब सरकार ने 6 मई को डीजल पर वैट में 3.35 फीसद, जबकि पेट्रोल पर 3.19 फीसद बढ़ाया था। डीजल पर टैक्स 11.8 फीसद से बढ़ाकर 15.15 फीसद कर दिया था। वहीं, पेट्रोल पर भी वैट की दर 20.11 से बढ़ाकर 23.30 फीसद कर दी थी। इससे पेट्रोल डीजल के रेट में दो रुपये की वृद्धि हुई थी। अभी पेट्रोल पर 26.43 फीसद, जबकि डीजल पर 15.98 फीसद वैट लिया जा रहा है। चार दिन पहले भी डीजल में एक रुपये की और वृद्धि की गई।
आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों पर प्रति लीटर के हिसाब से 70 फीसद टैक्स के रूप में केंद्र व राज्य सरकार के पास जाता है। उन्होंने मांग की कि सरकारें पेट्रोलियम पदार्थों पर बढ़ाए गए कर को तुरंत वापस लें। अगर आगामी दिनों में केंद्र व राज्य सरकारों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो आप केंद्र व राज्य सरकार का घेराव करेगी।