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जरा सा संभल जाएं तो कंट्रोल हो जागी डायबिटीज

खान-पान और रहन-सहन में नियंत्रण स्थापित करके डायबिटीज पर काबू पाया जा सकता है। यह बात साबित हो रही है नोवो नोर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन के इम्पेक्ट इंडिया 1000-डे चैलेंज प्रोग्राम की हालियां रिपोर्ट में।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 10:27 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 10:27 PM (IST)
जरा सा संभल जाएं तो कंट्रोल हो जागी डायबिटीज
जरा सा संभल जाएं तो कंट्रोल हो जागी डायबिटीज

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

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खान-पान और रहन-सहन में नियंत्रण स्थापित करके डायबिटीज पर काबू पाया जा सकता है। यह बात साबित हो रही है नोवो नोर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन के इम्पेक्ट इंडिया 1000-डे चैलेंज' प्रोग्राम की हालियां रिपोर्ट में। इसमें चंडीगढ़ के छह हजार मरीजों पर एक साल के दौरान किए गए सर्वे में यह रिजल्ट सामने आया है कि एचबीए1सी लेवल 7.87 प्रतिशत से मामूली बढ़कर 7.88 प्रतिशत पहुंचा है।

एचबीए1सी के औसत स्तर में हुई मामूली वृद्धि

एचबीए1सी की जांच तीन महीने के लिए ब्लड शुगर नियंत्रण के औसत स्तर का अनुमान देती है। सर्वे में चंडीगढ़ के 57 प्रतिशत पुरूष और 43 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। इस रिपोर्ट के संबंध में पीजीआइ के इंडोक्र ाइनोलॉजिस्ट डॉ. अनिल भंसाली का कहना है कि इंडिया डायबिटीज केयर इंडेक्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार एचबीए1सी के औसत स्तर में मामूली वृद्धि हुई है। यह डायबिटीज को और अधिक नियंत्रित करने के लिए सचेत और जागरूक करने में सहायक साबित हो सकता है। इसके लिए हमें जीवनशैली के बदलाव लाना होगा। डॉ. भंसाली ने बताया कि डायबिटीज को अच्छे ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है यदि लोग स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें और अपने ब्लड शुगर लेवल पर नियमित नजर रखें, साथ ही समय पर दवा लें। 100 वर्षों से चेंजिग डायबिटीज पर कर रहे काम

इस प्रोग्राम के बारे में नोवो नोर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन के ट्रस्टी डॉ. अनिल शिदे ने बताया कि नोवो नोर्डिस्क में हम लगभग 100 वर्षों से चेंजिग डायबिटीज पर काम कर रहे हैं। यह प्रोग्राम एक वर्ष पहले लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य है एचबीए1सी के राष्ट्रीय औसत को घटाकर एक प्रतिशत करना, जिससे भारत में डायबिटीज से संबंधित जटिलताओं का जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।


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