सुखदेव सिंह ढींडसा और उनके पुत्र SAD से बर्खास्त, पार्टी की कोर कमेटी ने किया फैसला
दिग्गज नेता सुखदेव सिंह ढींढसा और उनके पुत्र परमिंदर सिंह ढींढसा को शिरोमणि अकाली दल से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी की कोर कमेटी ने इस बारे में फैसला किया।
चंडीगढ़, जेएनएन। शिरोमणि अकाली दल ने राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा और उनके पुत्र विधायक परमिंदर सिंह ढींडसा को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। उनकी पार्टी से प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी गई है। यह फैसला पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में पार्टी दफ्तर में हुई कोर कमेटी की बैठक में लिया गया। दोनों पिता-पुत्र ने पिछले कुछ समय से बागी तेवर अपना रखे थे और बादल परिवार पर हमले कर रहे थे।
पिता-पुत्र ने बागी तेवर अपना रखे थे, अकाली दल और बादल परिवार से पुराना नाता टूटा
शिअद ने संगरूर में रैली के दौरान ही दोनों को बर्खास्त करने का फैसला ले लिया था, जिस पर कोर कमेटी ने मुहर लगा दी। शिअद प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि राज्यसभा के सभापति व पंजाब विधानसभा के स्पीकर को चिट्ठी भेजी जाएगी। 11 जनवरी को पार्टी ने ढींडसा पिता-पुत्र को निलंबित कर दिया था।
डॉ. चीमा ने कहा कि सस्पेंड किए जाने के बाद भी ढींडसा पिता-पुत्र ने अफसोस नहीं जताया। न ही कहा कि वह पार्टी में रहना चाहते हैं। ढींडसा से पहले अकाली दल ने रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, सेवा सिंह सेखवां, डॉ. रतन सिंह अजनाला, जत्थेदार उजागर सिंह वडाली जैसे टकसाली अकालियों को पार्टी से निकाल दिया गया था।
अकाली दल किसी की जागीर नहीं, विचारधारा है: परमिंदर सिंह ढींडसा
परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि यह तानाशाही रवैया है। शिअद से सच्चाई बर्दाश्त नहीं होती, इसलिए हमें कारण बताओ नोटिस नहीं दिया। शिरोमणि अकाली दल किसी की जागीर नहीं, बल्कि एक विचारधारा है। उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि वह अकाली विचारधारा वाले लोगों से जुड़ सकते है। साथ ही कहा कि भाजपा में जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। सुखबीर बादल पूरी तरह से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिले हुए हैं। हालात खुद ही बहुत कुछ बयां कर रहे हैं।