राजनीति की भेंट चढ़ा मोहाली का विकास, न सिटी बस सेवा शुरू हुई न फायर स्टेशन बनें, सवालों के घेरे में सेहत मंत्री
मोहाली में साल 2020 में कोई बड़े प्रोजेक्ट नहीं बने जिन्हें लेकर पहले ही प्रपोजल पास हो चुके थे। एक तो कोरोना महामारी ने विकास की राह पर रोड़े का काम किया। वहीं राजनीति भी मोहाली में विकास न होना का एक बड़ा कारण रही है।
मोहाली, [रोहित कुमार]। साल 2020 में मोहाली का विकास राजनीति भेंट चढ़ गया है। कोरोना महामारी के कारण जहां नगर निगम अपने रेवेन्यू टारगेट को पूरा करने से चूका है, वहीं पिछले पांच साल जो काम सिरे चढ़ जाने चाहिए थे वे पूरे नहीं हो सके। अब नई नगर निगम के गठन के बाद कार्यों के पूरे होने के दावे किए जा रहे हैं।
पंजाब के सेहत मंत्री व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी बलबीर सिंह सिद्धू पर जिले में काम न करवाने के कई आरोप लगे। शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाए कि निगम चुनाव जीतने के लिए निगम के हाउस में जो काम पास हो चुके थे उन पर रोक लगाई गई। अब सेहत मंत्री उन रुके हुए कार्यों को करवाकर वाहवाही लूट रहे हैं। सीवरेज से लेकर पानी के सभी काम जो अब शुरू किए जा रहे हैं वे पहले ही पास हो चुके थे। ऐसा सिर्फ राजीतिक लाभ लेने के लिए किया गया।
शुरू न हो सकी सिटी बस सेवा, ट्री प्रूनिंग मशीन का मसला नहीं सुलझा
पांच साल बाद भी सिटी बस सेवा शुरू न हो सकी। इसके लिए ठह करोड़ का प्रावधान तीन साल पहले पूर्व मेयर कुलवंत सिंह की ओर से किया गया था। जोकि आगे नहीं बढ़ सका। वहीं ट्री प्रूनिंग मशीन का मसला भी सुलझ नहीं सका। कंपनी को निगम की ओर से 90 लाख रुपये दिए जा चुके हैं। जबकि एक करोड़ 80 लाख दिए जाने थे। सेहत मंत्री ने इस मशीन की खरीद फरोख्त में धांधली के आरोप लगाए। कंपनी से पैसे वापस मांगे गए तो कंपनी कोर्ट चली गई। नई छोटी प्रूनिंग मशीनें लाई गई जोकि शहर में कामयाब नहीं हुई।
डंपिंग ग्राउंड भी कागजों में, समस्या वैसे की वैसी
मोहाली से डंपिंग ग्राउंड शिफ्ट करने का मसला भी कागजों में ही रहा। डेराबस्सी के समगौली में जहां डंपिंग ग्राउंड को शिफ्ट किया जाना था वहां काम शुरू नहीं हुआ। औद्योगकि क्षेत्र फेज 8बी के उद्योगपतियों को डंपिंग ग्राउंड से कोई राहत नहीं मिली। उधर सफाई ठेकेदार को एक साल की एक्सटेंशन दे दी गई। जिस पर कांग्रेसी ही खराब सफाई के आरोप लगा रहे थे।
नहीं बने फायर स्टेशन, लावरिस पशुओं का नहीं निकला हल
इस साल भी नए फायर स्टेशन नहीं बन सके। फायर स्टेशन में कर्मचारियों की कमी को भी पूरा न किया जा सका। लावारिस पशुओं का हल निकालने के लिए निगम सफल न हो सका। बलौंगी में नई गोशाला के निर्माण के लिए 33 एकड़ जमीन खरीदी गई। जिसकी रजिस्ट्री सेहत मंत्री व उनके भाई के नाम पर की गई जिस पर राजनीति हो रही है।
प्रॉपर्टी टैक्स से लेकर विज्ञापन कर से आमदनी कम
कोविड के कारण मोहाली नगर निगम का बजट कम हो गया। वहीं प्रॉपर्टी टैक्स के टारगेट को निगम पूरा नहीं कर सका। लॉकडाउन के कारण विज्ञापन दाताओं ने निगम को फीस नहीं दी। उलटा मार्केट एसोएिशनें ने कहा कि अगर विज्ञापन कंपनियों को फीस से राहत दी गई है तो उन्हें भी प्रॉपर्टी टैक्स से राहत मिले।