Move to Jagran APP

बेअदबी कांड: डेरे सच्चा सौदा ने कहा- चुनाव में शिअद को समर्थन किया था, इसलिए फंसाया जा रहा

डेरेे ने कहा है कि उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का समर्थन किया था इसलिए डेरेे के अनुयायियों को बेअदबी मामलों में फंसाया जा रहा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 01:25 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 01:25 PM (IST)
बेअदबी कांड: डेरे सच्चा सौदा ने कहा- चुनाव में शिअद को समर्थन किया था, इसलिए फंसाया जा रहा
बेअदबी कांड: डेरे सच्चा सौदा ने कहा- चुनाव में शिअद को समर्थन किया था, इसलिए फंसाया जा रहा

जेएनएन, चंडीगढ़। बेअदबी मामले में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आरोपित बनाने पर डेरा प्रबंधन ने पंजाब सरकार व स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) पर सवाल उठाए हैं। डेरा ने कहा है कि उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का समर्थन किया था, इसलिए डेरा के अनुयायियों को फंसाया जा रहा।

loksabha election banner

गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले पुलिस ने बेअदबी मामले में कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। इसमें गुरमीत राम रहीम को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था। डेरे की पंजाब कमेटी के सदस्य हरचरण सिंह ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि डेरे में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है। डेरे के समर्थक बेअदबी करना तो दूर, इसके बारे में सोच भी नहीं सकते।

डेरे के वकील विवेक कुमार ने कहा कि सीबीआइ ने साल 2015 में फरीदकोट के बेअदबी मामले में इलाके की पंचायतों के बयानों पर महेंद्र पाल बिट्टू सहित कई डेरा अनुयायियों को गिरफ्तार किया था। उनके फिंगर प्रिंट, पॉलीग्राफी टेस्ट, लाई डिटेक्टर टेस्ट और ब्रेन मैपिंग जैसी जांच के बाद सीबीआइ ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में इन डेरा समर्थकों को क्लीन चिट दी थी। इस रिपोर्ट पर अभी मोहाली सीबीआइ अदालत का फैसला लंबित है।

इससे पहले ही पंजाब पुलिस ने उन्हीं आरोपितों को दोबारा गिरफ्तार करके फरीदकोट अदालत में पेश कर दिया। उन्होंने चार तारीख को गिरफ्तारी के बाद सिर्फ दो दिन में चालान पेश किए जाने कि जल्दबाजी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक ही एफआइआर में इस समय सीबीआइ और पंजाब पुलिस की एसआइटी समानांतर जांच कर रही है।

सीबीआइ जांच में शामिल आरोपितों को एसआइटी ने फिर से गिरफ्तार किया

डेरे के वकील विवेक कुमार ने कहा कि सीबीआइ ने जिन 10 लोगों को जांच में शामिल किया था, एसआइटी ने उनमें से सात को फिर से चार जुलाई को हिरासत में ले लिया। इनमें से दो सुखङ्क्षजदर सन्नी व शक्ति सिंह को पहले से ही इस मामले में जमानत मिल चुकी है। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। पंजाब पुलिस जिन इकबालिया बयानों का दावा कर रही है वो सब थर्ड डिग्री देकर लिए गए हैं। डेरे के एक अन्य वकील केवल सिंह बराड़ ने कहा कि जब तक सीबीआइ की जांच पर मोहाली अदालत ने कोई फैसला नहीं लिया, तब तक एसआइटी का जांच करना कानूनी प्रावधानों के खिलाफ है।

सारे तथ्य अदालत के सामने हैं: खटड़ा

डेरा प्रबंधकों के आरोपों पर एसआइटी के प्रमुख रणबीर सिंह खटड़ा ने कहा है कि एसआइटी ने आरोपितों को गिरफ्तार करके अदालत में चालान पेश कर दिया है। इस मामले में अब सारे तथ्य अदालत के सामने हैं। वहीं, कांग्रेस और शिअद ने राजनीतिक साजिश के दावे पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया।

यह है मामला

12 अक्टूबर, 2015 को फरीदकोट जिले के कोटकपूरा में बरगाड़ी गांव में गुरुग्रंथ साहिब के अंग फाड़ कर गलियों में फेंक दिए गए। इसके विरोध में सिखों ने प्रदर्शन भी किया था। एसआइटी का आरोप है कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी गुरमीत राम रहीम के कहने पर हुई थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.