एमएचए की गाइडलाइन को लेकर उलझा शिक्षा विभाग, प्राइवेट स्कूलों को नहीं करवाया बंद
आठ जुलाई को शहर के सरकारी स्कूलों को बंद करने के आदेश डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन हरबीर आनंद ने कर दिए लेकिन फिर प्राइवेट स्कूलों को बंद करना भूल गए।
चंडीगढ़, जेएनएन। शिक्षा विभाग एमएचए के निर्देशों को लेकर अभी तक उलझा हुआ है। 29 जून को जारी हुई गाइडलाइन को छह जुलाई को शहर के हायर एजुकेशनल कॉलेज और इंस्टीट्यूशन में अप्लाई किया गया और 31 जुलाई तक उन्हें बंद करने के निर्देश दिए गए, लेकिन स्कूलों को बंद करना भूल गए। जब एमएचए के निर्देश विभाग को थोड़े समझ आए तो आठ जुलाई को शहर के सरकारी स्कूलों को बंद करने के आदेश डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन हरबीर आनंद ने कर दिए, लेकिन फिर प्राइवेट स्कूलों को बंद करना भूल गए।
अब सरकारी स्कूलों में टीचर्स नहीं आएंगे, लेकिन प्राइवेट वालों को कोई पाबंदी नहीं है। प्राइवेट स्कूल प्रबंधक यदि टीचर्स को बुलाते है तो उसे स्कूल आना पड़ेगा, उन्हें कोरोना से कोई खतरा नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान के प्रेसिडेंट अरविंद राणा ने कहा कि सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स एक जैसे हैं। यदि कोरोना का डर सरकारी स्कूलों में है तो वह प्राइवेट स्कूल के टीचर्स को भी हो सकता है। विभाग को एमएचए के आदेश ठीक से अप्लाई करने चाहिए।
जो आदेश उच्च अधिकारियों से मिले थे, उनके अनुसार सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। बेहद जरूरी काम होने पर ही टीचर्स स्कूल बुलाएं जा सकते हैं। टीचर्स को बुलाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रिंसिपल और हेडमास्टर तय करेंगे।
हरबीर आनंद, डीईओ
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