स्कूल बस ट्रांसपोर्टर्स की मांग, दिलवाई जाए ट्रांसपोर्ट फीस
जिले के निजी स्कूलों में अभी स्कूल फीस का मामला थमा नहीं था कि ट्रांसपोर्टर भी अपने भुगतान की मांग करने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, मोहाली : जिले के निजी स्कूलों में अभी स्कूल फीस का मामला थमा नहीं था कि ट्रांसपोर्टर भी अपने भुगतान की मांग करने लगे हैं। मोहाली स्कूल बस वेलफेयर एसोसिएशन ने ट्रांसपोर्ट फीस का 75 फीसद हिस्सा दिलवाने के लिए मोहाली के डीसी गिरिश दयालन से मांग की है। एसोसिएशन ने डीसी को पत्र लिखकर कहा है कि लॉकडाउन के कारण बस मालिकों, चालकों और कंडक्टरों पर आर्थिक संकट गहरा गया है। घर चलाना मुश्किल हो रहा है। इसलिए प्रशासन उचित निर्देश जारी करे।
90 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों में चल रही प्राइवेट बसें
ध्यान रहे कि कोरोना के कारण स्कूलों द्वारा ट्रांसपोर्ट फीस न वसूलने की मजबूरी बताकर पल्ला झाड़ लिया था। इसके बाद स्कूल बस मालिकों ने जिला प्रशासन का रुख किया है। एसोसिएशन ने मांग की है कि 90 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट बसें चल रही हैं। लॉकडाउन में बसों के खड़े रहने से उन्हें सिर्फ डीजल की बचत हुई। जो उनके खर्चों का महज 25 फीसद है। इस पत्र में शिक्षा मंत्री के आदेश का भी जिक्र किया गया है, जिसमें स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के लिए कहा है। शिक्षा मंत्री के इस आदेश के चलते स्कूलों ने अभिभावकों से ट्रांसपोर्ट फीस न वसूलने की मजबूरी जाहिर की है। लॉकडाउन में उठाने पड़ रहे सभी खर्च
स्कूल बस मालिकों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी उन्हें टैक्स, परमिट फीस, इंश्योरेंस और स्टाफ के वेतन का खर्च उठाना पड़ा है। लिहाजा हमें 75 फीसद ट्रांसपोर्ट फीस का भुगतान करवाया जाए। एसोसिएशन के सदस्य प्रिस ने बताया कि अगर थोड़ा बहुत भी भुगतान नहीं होगा तो काम कैसे चलेगा क्योंकि ड्राइवरों के वेतन भी देना है। स्कूल कब तक खुलेंगे ये भी साफ नहीं है। ऐसे में आने वाले दिनों में ओर दिक्कत होगी।