एनजीटी के चेयरमैन बोले- दिल्ली खुद भी वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार
एनजीटी के कार्यवाहक चेयरमैन जवाद रहीम ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा पूरी तरह जिम्मेदार नहीं हैं। खुद दिल्ली भी वहां इसके लिए जिम्मेदार है।
जेएनएन, चंडीगढ़। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के कार्यवाहक चेयरमैन जवाद रहीम ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा पूरी तरह जिम्मेदार नहीं हैं। यह एक कारण हो सकता है, लेकिन खुद दिल्ली भी वहां प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। दिल्ली में एक करोड़ वाहन हो चुके हैं। हर तरफ फैक्टरियों का धुआं है। उन्होंने कहा कि पंजाब में मंडी गोबिंदगढ़ में सबसे ज्यादा प्रदूषण है।
वह पंजाब विश्वविद्यालय में पर्यावरण पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। सेमिनार का आयोजन कई एनजीओ, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और राज्य सरकारों द्वारा सयुंक्त रूप से हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ के पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर चर्चा और समाधान के लिए किया गया।
सेमिनार में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन एसपीएस परिहार ने कहा कि चंडीगढ़ में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में कमियां हैं। इसका पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है। इन खामियों को दूर करने के लिए चंडीगढ़ को इंदौर से सीखने की जरूरत है। वहां घर पर ही वेस्ट की छंटनी की जाती है। सूखा और गीला वेस्ट घर से ही अलग हो कर वेस्ट प्वाइंट पर जाता है।
उन्होंने कहा कि जहां वेस्ट एकत्रित हो, वहीं से उसके निपटान को लेकर घर से प्रबंध किया जाए। स्थानीय नगर निगम इस पर ध्यान दे। सेमिनार में हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी मुख्य अतिथि रहे। इनके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के रि. जस्टिस और एनजीटी के पूर्व चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सी वजीफदार, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस महेश ग्रोवर, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता, एनजीटी के पूर्व सदस्य डॉ. डीके अग्रवाल और विंग कमांडर ल्यूक ने भी पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया।
पेवर ब्लॉक से घिरे पेड़ को कैसे मिलेगा पानी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हर जगह सड़कों व रास्तों पर पेवर ब्लॉक लगा दिए हैं। इनकी क्या जरूरत है। हर शहर में कंक्रीट के जंगल बना दिए गए हैं। हर जगह पेड़ों के आसपास पेवर हैं। तो इनमें पानी कहां से जाएगा। जब अंदर पानी ही नहीं जाएगा तो पेड़ सूख जाएंगे।
जस्टिस महेश ग्रोवर ने कहा कि हम तो कोर्ट में मामले की सुनवाई ही कर सकते हैं। सुखना या पॉल्यूशन संबंधी किसी मामले पर पुख्ता इंतजाम तो नगर निगम और यूटी प्रशासन ही करेंगे। समस्या का समाधान तो उनको खुद करना होगा। कंक्रीट बढ़ता ही जा रहा है।
कमांडर ल्यूक ने फिशरीज से सुझाया पर्यावरण संरक्षण
एयरफोर्स कमांडर ल्यूक ने कहा कि मत्स्य पालन वाले पानी का इस्तेमाल खेती में किया जाना चाहिए। इससे न केवल पैदावार बढ़ेगी, बल्कि अच्छी आय भी होगी। छोटे स्तर से इसको शुरू किया जा सकता है। इससे बढिय़ा जैविक खाद नहीं हो सकती।
प्रदूषण से बढ़ रही किडनी, लीवर और फेफड़े की बीमारी
एनजीटी के पूर्व सदस्य डीके अग्र्रवाल ने कहा कि जल और वायु प्रदूषण से लगातार बीमारियां बढ़ रही हैं। पंजाब में प्रदूषण से फेफड़े और किडनी की बीमारियों के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं, लीवर इन्फेक्शन के मामले भी बढ़ रहे हैं। गर्भधारण करने में भी महिलाओं को दिक्कतें आ रही है। पंजाब विश्वविद्लालय के कुलपति प्रो. अरुण ग्रोवर ने कहा कि चर्चा को आगे ले जाना भी जरूरी है। उत्तर पूर्व के हिमालय क्षेत्र में इस दिशा में काम करने की जरूरत है। लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।