दिल्ली, हरियाणा व पंजाब की हवा हुई खराब, चंडीगढ़ में भी दिखने लगा असर, AQI 112 तक पहुंचा
पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। चंडीगढ़ में सुबह ही एयर क्वालिटी इंडेक्स 112 तक पहुंच गया। अगर यही हाल रहा तो अगले कुछ दिनों बाद सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। हवा लगातार जहरीली हो रही है। प्रदूषण का स्तर डराने वाले आंकड़ों की तरफ तेजी से बढ़ने लगा है। इस गति को नियंत्रित नहीं किया गया तो हालत खराब हो जाएंगे। सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ जाएंगी। खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा। पंजाब और हरियाणा की हवा ज्यादा खराब हो चुकी है। इसका असर चंडीगढ़ की हवा पर भी पड़ रहा है। अब चंडीगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 100 प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक ही रह रहा है।
वीरवार को सुबह 11 बजे ही एक्यूआई 112 दर्ज किया गया। जबकि लॉकडाउन के दौरान यह 16 तक भी पहुंच गया था, जो अभी तक सबसे कम रहा है। पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली का असर चंडीगढ़ की हवा पर भी दिखने लगा है। वीरवार सुबह नई दिल्ली का एक्यूआई 200 प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया, जबकि पंजाब और हरियाणा के कई शहरों में तो यह 250 तक भी दर्ज किया गया। इसके बढ़ने का मुख्य कारण पराली जलाना भी है।
पंजाब व हरियाणा में कई जगह किसानों द्वारा खेतों में बेझिझक पराली जलाई जा रही है। पराली जलने से निकलने वाली जहरीली गैस हवा को जहरीला बना रही हैं। इसे रोका नहीं गया तो अक्टूबर के अंत तक हालात बद से बदतर होंगे। सांस लेने के लिए भी साफ हवा नहीं मिलेगी। ऊपर से कोरोना महामारी इस खतरे को और भयावय बना देगी।
कोरोना वायरस सबसे ज्यादा जिंदगी उन्हीं लोगों की छीन रहा है जो सांस की बीमारी से ग्रस्त हैं। डायबिटीज मरीजों की मौत सबसे ज्यादा हो रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि जो पराली जलने के सबसे करीब होता है उसको अधिक खतरा है। वह इन जहरीली गैसों का सेवन सबसे अधिक करता है। सांस के साथ यह भी शरीर में पहुंंचकर अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं।
यह भी पढ़ें : बठिंडा में तीन बच्चों की हत्या के बाद पिता ने लगाया फंदा, मौके पर पहुंची पुलिस
यह भी पढ़ें : गुरुग्राम के नरगिस हत्याकांड में हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, CBI को ट्रायल कोर्ट में सौंपनी होगी रिपोर्ट
यह भी पढ़ें : NGT के आदेशों के बाद रेलवे सक्रिय, पर्यावरण संरक्षण के लिए 720 स्टेशनों को लेनी होगी NOC
यह भी पढ़ें : हरियाणा में दूसरे राज्यों के किसान भी बेच सकेंगे अपनी फसल, किसान वेबपोर्टल पर करना होगा रजिस्ट्रेशन