चंडीगढ़ की अदालत में दलील; बंदर की करनी है रिकवरी इसलिए आरोपित की जमानत की जाए खारिज
टैटू आर्टिस्ट कमलजीत सिंह और उनके मैनेजर दीपक वोहरा पर पिछले दिनों बंदर के साथ वीडियो वायरल करने का आरोप है। मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है।
चंडीगढ़ [राजन सैनी]। बंदर के साथ विडियो वायरल करना शहर के टैटू आर्टिस्ट कमलजीत सिंह और उनके मैनेजर दीपक वोहरा को मंहगा पड़ गया। दोनों को मिली जमानत का विरोध करते हुए वन एवं वन्य जीव विभाग ने उनकी जमानत खारिज करने की मांग की है। इसके लिए विभाग की ओर से अदालत में याचिका भी लगाई। इस पर सोमवार को बचाव पक्ष के वकील ने जवाब दायर करते कहा कि उनके पास अब बंदर नहीं है क्योंकि वह उसे पहले ही छोड़ चुके हैं। इसके अलावा जिन धाराओं के तहत उनके क्लाइंट पर केस दर्ज किया गया है वे जमानती धाराएं है। अब कोर्ट इस याचिका पर अपना फैसला वीरवार को सुना सकती है।
इससे पहले विभाग की ओर से याचिका दायर कर कहा गया था कि जिस बंदर के साथ वीडियो बनाई गई थी, वह अभी तक उन्हें नहीं मिल सका है। उन्हें बंदर को रेस्क्यू करना है। इसलिए निचली अदालत की ओर से दोनों आरोपितों की गई जमानत के आदेश को खारिज करते हुए इनकी कस्टडी भी विभाग को दी जाए। दरअसल, इसी वर्ष अगस्त महीने में वीडियो विभाग को मिली थी। वीडियो में जो बंदर नजर आ रहा था, वह प्रोटेक्टेड एनिमल्स की शेड्यूल-2 कैटेगरी में आता है। यानी ये वन्यजीव हैं और इन्हें पालना, पकड़ने की कोशिश करना या इन्हें नुकसान पहुंचाना अपराध माना जाता है। इसलिए विभाग को जब इस बारे में शिकायत मिली तो उन्होंने फौरन कार्रवाई करते हुए इन दोनों आरोपितों पर केस दर्ज कर लिया था।
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