एमबीए शुरू करने में डीएवी मैनेजमेंट और टीचिग फैकल्टी आमने-सामने
डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 में एमबीए चलेगी या नहीं इसे लेकर डीएवी मैनेजमेंट और टीचिग फैकल्टी आमने-सामने हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 में एमबीए चलेगी या नहीं इसे लेकर डीएवी मैनेजमेंट और टीचिग फैकल्टी आमने-सामने हैं। जहां पर मैनेजमेंट हर हाल में एमबीए को जारी रखने का प्रयास कर रही है वहीं पर डीएवी टीचिग फैकल्टी जो कि सीनेट के सदस्य भी हैं वह मैनेजमेंट कमेटी के फैसले का विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर शिकायत इंस्पेक्शन कमेटी को दी है। शिकायत में टीचर्स ने आरोप लगाया है कि एमबीए चलाने के लिए कोई अलग से इमारत का निर्माण नहीं किया गया है। यह कॉलेज की इमारत में चल रहा है। इस जगह पर सिर्फ एक कॉलेज चलाने की परमिशन है। मैनेजमेंट कमेटी गलत तरीके से यहां पर सेल्फ फाइनांस का कोर्स चलाने का प्रयास किया जा रहा है जो कि नियमों के खिलाफ है। पांच टीचर्स ने दी है शिकायत
कमेटी के शिकायत कॉलेज के पांच टीचर्स ने की है। इसमें से दो सीनेट के सदस्य हैं और अन्य तीन अस्सिटेंट प्रोफेसर के तौर पर डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 में सेवाएं दे रहे हैं। सभी ने इंस्पेक्शन कमेटी से अपील की की है कि मैनेजमेंट कमेटी द्वारा जमा कराई गई जानकारी को अमान्य करार दिया जाए और एमबीए बंद हो जाए। दो सालों से चल रही है एमबीए पंजाब यूनिवर्सिटी के बाद चंडीगढ़ में एमबीए शुरू करने वाला पहला कॉलेज था। 2017 में शुरू हुए एमबीए का एक बैच यहां से पासआउट हो चुका है। वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी ने इस साल एमबीए चलाने की परमिशन डीएवी को नहीं दी है।
डायरेक्टर की कमी के कारण रुकी थी मान्यता
डीएवी मैनेजमेंट कमेटी ने कॉलेज की एक पूरी इमारत एमबीए को दे रखी है। एमबीए इंस्टीट्यूशन चलाने के लिए अलग से डायरेक्टर की जरूरत होती है। इसे डीएवी मैनेजमेंट पूरा नहीं कर पाई थी। हालांकि 15 जून को डायरेक्टर के तौर पर संजीव चड्ढा की नियुक्ति करके पूरी जानकारी इंस्पेक्शन कमेटी को दी जा चुकी है। उसके बाद ही टीचिग स्टाफ ने इस तरह की शिकायत की है।
डीएवी में एमबीए शुरू करने के लिए शिकायत आई है। जो कि अभी डीआर के पास है। मेरे पास इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है। इंस्पेक्शन कमेटी की बैठकें चल रही है। जल्द ही इस पर भी निर्णय किया जाएगा।
डॉ. संजय कौशिक, डीसीडीसी पंजाब यूनिवर्सिटी।