एमसी के फैसले के विरोध में उतरे डड्डूमाजरा निवासी
फिर क्यों उन पर मरे हुए जानवरों के संस्कार का प्लांट थोपा जा रहा है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : हम राजनीति का शिकार हो रहे हैं। जब एक बार तय हो गया था कि डड्डमाजरा में अब कोई नया प्लांट (इंसीनेरेटर) नहीं लगेगा तो फिर क्यों उन पर मरे हुए जानवरों के संस्कार का प्लांट थोपा जा रहा है। यह कहना है कि डड्डूमाजरा की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों का। नगर निगम की ओर से फिर से डड्डूमाजरा के पास सेक्टर-25 वेस्ट में प्लांट लगाने के फैसले के खिलाफ शारीरिक दूरी बनाते हुए नाममात्र सदस्यों ने बैठक की। जिसमे ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष दयाल कृष्ण और गीता राम ने भी भाग लिया। जिसमें निर्णय लिया गया है कि फिर से नगर निगम के खिलाफ संघर्ष छेड़ा जाएगा। जिस तरह से पिछले साल किया गया था। वहीं, वार्ड पार्षद फरमिला देवी भी इस फैसले के खिलाफ आ गई हैं। दयाल कृष्ण का कहना है कि पहले से लोग यहां के डंपिग ग्राउंड और जेपी गारबेज प्रोसेसिग प्लांट से परेशान हैं। जिस कारण बीमार हो गए हैं। भाजपा पार्षदों की आपसी खींचतान का नुकसान डड्डमाजरा के लोगों को भुगतान पड़ रहा है। राजेश कालिया बोले : नहीं लगने देंगे प्लांट
पूर्व मेयर एवं डड्डूमाजरा निवासी राजेश कालिया का कहना है कि उनके लिए सर्वोप्रिय यहां के निवासी हैं। उन्हें यहां के लोगों की समस्या का पता है। वे इस फैसले को रिव्यू करवाएंगे। जब यह फैसला पिछले साल ही हो गया था कि अब प्लांट डड्डमाजरा में नहीं लगेगा फिर से क्यों निर्णय लिया गया। फैसले को पलटने के लिए चाहे उन्हें अपने ही पार्षदों के खिलाफ जाना पड़े, वे पीछे नहीं हटेंगे। वे यहां पर प्लांट नहीं लगने देंगे। प्लांट सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा
पर्यावरण प्रेमी राहुल महाजन का कहना है कि प्लांट लगाना सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है। शहर में इस प्लांट की कोई जरूरत ही नहीं है। चंडीगढ़ में प्रतिदिन नाममात्र ही जानवर मरते हैं। ऐसे में प्लांट लगाने की जरूरत नहीं है। प्लांट लगाकर सिर्फ स्मार्ट सिटी फिजूलखर्ची कर रहा है। मेयर अपने कार्यालय के सामने लगवाएं प्लांट
आम आदमी पार्टी भी पास किए गए प्रस्ताव के खिलाफ आ गई है। आप के संयोजक प्रेम गर्ग ने इस निर्णय का विरोध करते हुए मेयर से पूछा कि क्या सेक्टर-25 और उसके आसपास रहने वाले लोगों को स्वस्थ जीवन जीने का समान अधिकार नहीं है। केवल गरीब लोगों के आसपास के क्षेत्र में पशु श्मशान घाट क्यों होने चाहिए और हर रोज सैकड़ों की तादाद में जानवरों के शवों की बदबू और उनके जलने से निकलने वाली जहरीली गैसों के दुष्प्रभाव को गरीब लोग क्यों सहें? प्रेम गर्ग का कहना है कि नगर निगम को पड़ोसी राज्यों के साथ परामर्श करके पशुओं के शव दफनाने के पारंपरिक तरीकों पर काम करना चाहिए जो प्रकृति के बिलकुल अनुकूल हैं या फिर मृत पशु जलाने का प्लांट मेयर अपने कार्यालय के सामने लगवा लें।