चंडीगढ़ में साइकिल वालों को वीआइपी ट्रीटमेंट, हर जगह मिलेंगी सुविधाएं, ट्रैफिक सिग्नल भी सबसे पहले देगा रास्ता
सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में साइकिल पर चलने वालों को वीआइपी ट्रीटमेंट मिलेगा। जिस साइकिल को अभी तक मजबूरी का साधन समझा जाता रहा है। अब वही साइकिल शहर में हर जगह वीआइपी एंट्री का परमिट होगा। शहर की सड़कों पर दूसरे वाहन चालकों से पहले साइकिल सवारों को तवज्जो मिलेगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में साइकिल पर चलने वालों को वीआइपी ट्रीटमेंट मिलेगा। जिस साइकिल को अभी तक मजबूरी का साधन समझा जाता रहा है। अब वही साइकिल शहर में हर जगह वीआइपी एंट्री का परमिट होगा। साइकिल से जाएंगे तो हर कोई सम्मान की दृष्टि से देखेगा। इतना ही नहीं साइकिल पर सड़क से लेकर आफिस तक में सम्मान मिलेगा। सड़क पर जाम के बीच नहीं फंसना पड़ेगा। अलग से लेन होगी जिससे बिना रुके निकल जाएंगे।
इसके अलावा ट्रैफिक लाइट प्वाइंट पर भी साइकिल सवार को वीआइपी ट्रीटमेंट मिलेगा। यहां सिग्नल ग्रीन होते ही सबसे पहले साइकिल सवार को ही निकलने के लिए समय मिलेगा। सभी ट्रैफिक लाइट प्वाइंट पर ग्रीन सिग्नल के पहले चार सेकेंड साइकिल को दिए जाएंगे। इससे साइकिल सवार पैडल मारकर दूसरे ट्रैफिक से आगे निकल जाएगा। उसे भीड़ के बीच नहीं फंसना होगा। अगर कोई साइकिल की टाइमिंग में दूसरा वाहन आगे निकालता है तो उसका चालान भी होगा। ऐसे ही अलग तरह के प्रविधान साइकिल सवार के लिए किए जा रहे हैं। साइकिल को बढ़ावा देने के लिए पालिसी बनाई जा रही है।
कोरोना में बढ़ा चलन
कोरोना महामारी के बाद शहरवासी स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग हुए हैं। स्वस्थ और फिट रहने के लिए साइकिलिंग को लोगों ने अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है। कोरोना के बाद साइकिल चलाने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई कि राइडर के साथ साइकिल की सुरक्षा भी प्रशासन के लिए चुनौती बन गया। अब साइकिल और राइडर दोनों की सुरक्षा का प्रविधान साइकिल प्रमोशन पालिसी में किया जा रहा है। इस पालिसी के ड्राफ्ट में कई प्रविधान किए गए हैं।
सड़कों पर इन्हें ही सबसे ज्यादा खतरा
सबसे अधिक मौत पैदल और साइकिल सवारों की होती है। इसका कारण यह भी है कि साइकिल सवार ट्रैफिक लाइट प्वाइंट पर रुकते नहीं हैं। वह सिग्नल रेड होने पर भी क्रासिंग करते हैं। ऐसे में कई बार दूसरी साइड ग्रीन सिग्नल की वजह से तेज गति से आ रहा वाहन टकराने से बड़ा हादसा हो जाता है। खासकर उन चौक पर जहां से राउंडअबाउट को हटाया जा चुका है।