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पबजी गेम के जरिये ठगी का मामलाः ऑनलाइन हैकर का पर्दाफाश करने को साइबर सेल ने थामी कमान

पबजी गेम के जरिये दो स्टूडेंट्स से महज तीन दिन में 19 लाख रुपये उड़ाने का मामला सामने आने के बाद गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए अब कमान साइबर सेल को सौंपी गई है।

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 10:17 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 10:57 AM (IST)
पबजी गेम के जरिये ठगी का मामलाः ऑनलाइन हैकर का पर्दाफाश करने को साइबर सेल ने थामी कमान
पबजी गेम के जरिये ठगी का मामलाः ऑनलाइन हैकर का पर्दाफाश करने को साइबर सेल ने थामी कमान

मोहाली, जेएनएन। पबजी गेम के जरिये दो स्टूडेंट्स से महज तीन दिन में 19 लाख रुपये उड़ाने का मामला सामने आने के बाद गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए अब कमान साइबर सेल को सौंपी गई है। पुलिस का कहना है कि अभी तक उनके पास मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन साइबर क्राइम की डीएसपी रू¨पदर कौर ने इस पर वर्कआउट शुरू कर दिया है। पबजी गेम के जरिये हो रही ऑनलाइन ठगी के पीछे जो गिरोह काम कर रहा है, उसके लिए फ्रंट फुट पर एक टीम को तैयार कर लिया गया है।

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पुलिस ने रणनीति नहीं की सार्वजनिक

पुलिस फिलहाल किन थ्योरियों पर काम शुरू करने वाली है, इसके बारे में रूपिंदर कौर ने पुष्टि नहीं की है। लेकिन उनका कहना है कि यंगस्टर पबजी गेम के लिए काफी एडिक्ट हो चुके हैं। इसलिए उनके पेरेंट्स को चाहिए कि इस बात पर गौर किया जाए कि उनका बेटा खाली समय में फोन पर क्या कर रहा है। ऑनलाइन स्टडी के समय स्मार्टफोन की जरूरत पड़ती है। इसलिए कोशिश करें कि यह फोन उसके लिए ज्यादा इस्तेमाल हो और उसके बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी जाए।

बच्चों का रखें विशेष ध्यान

डीएसपी साइबर रूपिंदर कौर ने कहा कि स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले बच्चों के परिजन अपने बच्चों को अपने एटीएम या क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग, सामान या बिल जैसी चीजें न करवाएं। क्योंकि एक बार कार्ड डिटेल डालने से डाटा मोबाइल में स्टोर हो जाता है, जिसका बच्चे बाद में गलत फायदा उठाते हैं।

छोटी रकम तो नजर ही नहीं आती

दूसरी तरफ पंजाब व चंडीगढ़ पुलिस के लिए काम करने वाले साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने बताया कि पबजी का इंडिया में ऑफिशियल टर्नओवर एक बिलियन डॉलर क्रॉस कर चुका है। लेकिन इसका अनऑफिशियल टर्नओवर 10 गुणा ज्यादा है। 10 बिलियन से ज्यादा डॉलर बच्चे पबजी गेम पर लगा रहे हैं। जो रकम मोहाली में बच्चों ने उड़ाई, वह बड़ी अमाउंट होने के चलते नजर में आ गई। लेकिन अमूमन छोटी रकम जैसे कि एक हजार से दो हजार रुपये तो सामने नहीं आते। पबजी गेम बच्चों को बुरी आदतों की ओर लेकर जा रहा है। जिसमें शर्त लगाकर बैटिंग की जा रही है। जिसे आम भाषा में सट्टा कहा जाता है। यह गेम बच्चों में वॉयलेंट प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रही है, जिससे उनका मानसिक संतुलन खराब हो रहा है।

पबजी को बैन किया जाए

राणा ने कहा कि इसके टूर्नामेंट होने लगे हैं और बच्चे पेटीएम के जरिये पेमेंट दे रहे हैं। जैसे इंडिया ने 59 एप बंद किए हैं, उसी तरह यह गेम भी बंद होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो इसके घातक नतीजे आने वाले समय में सामने आएंगे। जिक्रयोग है कि खरड़ के 17 वर्षीय व मोहाली की पॉश सोसायटी के 15 वर्षीय नाबालिगों ने पबजी गेम में अपने पिता के 19 लाख रुपये डूबा दिए थे।

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