सीयू के लिए 12 करोड़ का विशेष वार्षिक बजट प्रस्तावित
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी नार्थ रीजन की टॉप प्राइवेट यूनिवर्सिटी में शामिल हो चुकी है। नैक से ए प्लस ग्रेड के साथ ही हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ एजकुेशन द्वारा जारी अटल रैंकिग में भी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने टॉप 10 यूनिवर्सिटी में स्थान हासिल किया है।
जागरण संवाददाता, मोहाली :
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी नार्थ रीजन की टॉप प्राइवेट यूनिवर्सिटी में शामिल हो चुकी है। नैक से ए प्लस ग्रेड के साथ ही हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ एजकुेशन द्वारा जारी अटल रैंकिग में भी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने टॉप 10 यूनिवर्सिटी में स्थान हासिल किया है। क्वालिटी एजुकेशन और बेहतर रिसर्च से सीयू ने स्थापना के चंद वर्षों में ही खास जगह बना ली है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी सीयू के प्रो-चांसलर डा आरएस बावा ने बताया कि साल 2022 के लिए 12 करोड़ रुपए का विशेष बजट प्रस्तावित किया गया है। बाबा ने बताया कि बीते साल 2021 में छात्रों द्वारा 87 पेटेंट दायर किए गए हैं, जबकि 68 पेटेंट स्वीकृत किए जा चुके हैं। बावा ने कहा कि एक सुरक्षित भविष्य के मद्देनजर साल 2015 में यूएन द्वारा सतत विकास के 17 लक्ष्यों का एजेंडा रखा गया और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके मद्देनजर यूनिवर्सिटी द्वारा एग्रीकल्चर, जलवायु परिवर्तन, आईटी, फार्मा, बायोटेक, हेल्थकेयर और ऑटोमेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नए विचार और इनोवेशन के साथ इन क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान पेश किए हैं। डा बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा दायर 1273 पेटेंट में से, 658 पेटेंट संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 17 सतत विकास लक्ष्यों में से 10 लक्ष्यों को पूर्ण रूप से समर्पित हैं। मानव जाति व आने वाली पीढि़यों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने का उल्लेखनीय प्रयास करते हैं। जबकि शेष पेटेंट एसडीजी के अन्य लक्ष्यों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा फाइल किए गए कुल पेटेंट में से 683 पेटेंट पब्लिश हो चुके हैं, वहीं 128 पेटेंट फर्स्ट एग्जामिनेशन चरण में चल रहे हैं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के 120 पेटेंट स्वीकृत किए जा चुके हैं। बावा ने कहा कि यूनिवर्सिटी को साल 2018-19 में सबसे अधिक पेटेंट दर्ज करने के लिए भारत में एकल संस्थान के रूप में नंबर 1 रैंक मिला है। इसके अलावा डॉ. बावा ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में सबसे अधिक पेटेंट दर्ज कर भारत के प्राइवेट विश्वविद्यालयों में नंबर 1 रैंक पर रही है, वहीं पिछले 3 सालों में प्रकाशित सबसे अधिक पेटेंट और सबसे अधिक ग्रांटेड पेटेंट (72) के साथ भारत के प्राइवेट विश्वविद्यालयों में तीसरा रैंक हासिल किया है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए डॉ. बावा ने बताया कि यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकल्टी ने महिला सशक्तिकरण, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण और कृषि जैसे विभिन्न मुद्दों के मद्देनजर रिसर्च और इनोवेशन कर नए समाधान पेश किए हैं। यूनिवर्सिटी द्वारा जल से संबधित विभिन्न समस्याओं के मद्देनजर 46 पेटेंट, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा के लिए 66, जलवायु परिवर्तन से संबंधित 7, आर्थिक विकास के मद्देनजर 19, स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में 57, उद्योग, नवाचार और इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित 148, भूमि के मद्देनजर 45, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में 13, जिम्मेदार खपत और उत्पादन से जुड़े मुद्दों के मद्देनजर 152 और सतत शहर और समुदाय के लिए 105 पेटेंट सहित कुल 658 पेटेंट दर्ज किए हैं। यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि यूनिवर्सिटी अपनी फैकल्टी और छात्रों के बीच अनुसंधान और नवाचार की भावना पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीयू रिसर्च के क्षेत्र में देशभर में एकल संस्थान के रूप में एक अग्रणी के तौर पर उभरी है। उन्होंने कहा कि मैं इस बड़ी सफलता का श्रेय छात्रों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों और उद्योग सहित सभी हितधारकों को देता हूं, जिनके प्रयासों के माध्यम से आज चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भारत के विशिष्ट और प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों में शामिल है।