आरयूबी पर करोड़ों खर्चे, 100 मीटर की सड़क टूटी छोड़ दी
उद्घाटन किए गए आरयूबी का मामला फिर से लोगों में चर्चा का विषय बन गया है।
करमजीत परवाना, मनीमाजरा : रविवार को उद्घाटन किए गए आरयूबी का मामला फिर से लोगों में चर्चा का विषय बन गया है। सवा सात करोड़ से बने इस आरयूबी को प्रशासन ने चकाचक दिखाने के लिए दिन-रात एक कर दिए लेकिन इसमें भी प्रशासन और नगर निगम एक जगह पर चूक गया और लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया। एक ओर जहां प्रशासन ने मॉडर्न कांप्लेक्स और डुप्लेक्स की सड़कों को चकाचक बना दिया लेकिन मनीमाजरा टाउन को जोड़ने वाली सड़क टूटी ही छोड़ दी। जिसके चलते इस जगह पर मखमल में टाट का पैबंद की कहावत एक दम फिट बैठती है। क्योंकि करोड़ों की लागत से बने इस आरयूबी के समाप्त होते ही सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे मिलते हैं। ठेकेदार ने तोड़ी थी सड़क
उल्लेखनीय है कि जब अगस्त 2018 को इस आरयूबी को बनाने का काम शुरू हुआ था तो ठेकेदार द्वारा ही इस जगह पर सीवरेज की पाइप डालने के लिए सड़क को तोड़ा गया था। इसके बाद से लोगों में यही आस बनी हुई थी आरयूबी के बनाने के बाद इस सड़क को नए सिरे से बनाया जाएगा मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। जिस पर स्थानीय लोगों ने पार्षद, नगर निगम और प्रशासन द्वारा पक्षपात का आरोप लगाया है। सवा सात करोड़ के आरयूबी को बनाने के बाद मनीमाजरा जाने वाली सड़क को टूटा हुआ छोड़कर नगर निगम, प्रशासन और पार्षद ने मनीमाजरा के लोगों के साथ पक्षपात किया है। 100 मीटर की इस सड़क से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता मगर इस सड़क को टूटा हुआ छोड़ देना सही नहीं है। इसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय पार्षद की है। लोगों की मूलभूत सुविधाओं का काम अधिकारियों से करवाना पार्षद का मूल कार्य होता है।
-रामेश्वर गिरि, समाजसेवी आरयूबी की आवाज को केंद्र तक पहुंचाने और लिखने के बाद भी स्थानीय पार्षद व सांसद को मनीमाजरा की कभी याद नहीं आई। लेकिन रिबन काटते समय अपनी कमियों को छिपाने के लिए अधिकारियों के ऊपर तंज कसने की भाजपा की सांसद और पार्षदों की पुरानी आदत है। लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिलाने का काम पार्षद का होता है। पार्षद को चाहिए था कि शिलान्यास पट्ट पर नाम लिखवाने के लिए आवाज उठाने की जगह इस सड़क को बनवाए।
-रमेश गोयल, कांग्रेस नेता यह मनीमाजरा के लोगों के साथ पक्षपात है। नगर निगम से टैक्स भी मनीमाजरा के लोग ज्यादा देते हैं लेकिन उनको मूलभूत सुविधाओं से फिर भी वंचित रखा जाता है। इस बारे में स्थानीय पार्षद को एक्शन लेना चाहिए था लेकिन पार्षद तो नाम लगवाने के चक्कर में हल्ला मचाकर अपना उल्लू सीधा करवाते नजर आए। ऐसे में लोगों को खुद को ठगा से महसूस हो रहा है। भाजपा ने एक बार फिर से मनीमाजरा के लोगों के साथ न्याय नहीं किया।
-संजय भजनी, वार्ड प्रधान, कांग्रेस अगर आरयूबी के बजट को सवा सात करोड़ तक बढ़ा दिया गया और कई कामों को टेंडर में बढ़वाया गया। तो इस सड़क को बनाने में प्रशासन और नगर निगम ने क्यों कनी काट रहा है। मनीमाजरा के लोग अकसर टूटी हुई सड़कों की शिकायत लेकर प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को शिकायत दे चुके हैं। बावजूद इसके हमारी शिकायतों को दरकिनार कर इस सड़क को टूटा हुआ छोड़ मखमल में पैबंद का टाट वाली कहावत को सचकर दिखाया है।
-मलकीत सिंह, प्रधान, मनीमाजरा व्यापार मंडल