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क्राइम ब्रांच ने मांगी एक्साइज से कंपनियों के रिटर्न की डिटेल

125 करोड़ से अधिक वैट और सी फार्म घोटाले में विजिलेंस से केस ट्रांसफर होने के बाद यूटी क्राइम ब्रांच ने फाइल खोलकर जांच शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 10:49 AM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 01:16 PM (IST)
क्राइम ब्रांच ने मांगी एक्साइज से कंपनियों के रिटर्न की डिटेल
क्राइम ब्रांच ने मांगी एक्साइज से कंपनियों के रिटर्न की डिटेल

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : 125 करोड़ से अधिक वैट और सी फार्म घोटाले में विजिलेंस से केस ट्रांसफर होने के बाद यूटी क्राइम ब्रांच ने फाइल खोलकर जांच शुरू कर दी है। सबसे पहले केस में क्राइम ब्रांच ने एक्साइज डिपार्टमेंट से सभी टैक्स जमा करने वाले लोगों की रिटर्न डिटेल्स और फाइल मांग ली हैं। सूत्रों के अनुसार फाइल में पंजाब, हरियाणा के भी कुछ व्यापारियों का नाम सामने आ सकता है। एडवाइजर परिमल राय के ऑर्डर पर विभागीय शिकायत के बाद विजिलेंस ने मामले में जांच शुरू की थी। जिसमें विजिलेंस टीम जांच के दौरान इंडो स्विफ्ट कंपनी के पूर्व अकाउंटेंट विपिन मिश्रा को गिरफ्तार कर चार दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ में कर चुकी है। जिसके बाद मैनपावर कम होने केा हवाला देकर मामले की जांच को यूटी क्राइम ब्रांच के पास दे दिया गया था। कंपनियों के अधिकारियों से भी होगी पूछताछ

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डीएसपी क्राइम पवन कुमार के अनुसार पूरे मामले को देखने के बाद सभी टैक्स जमा करने वाली कंपनियों के रिटर्न और कंपनी की डिटेल्स मांगी हैं। जिसके बाद क्राइम ब्रांच टीम संदिग्ध सामने आने वाली कंपनियों के नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन करने को नोटिस जारी करेगी। सूत्रों की मानें तो मामले में एक्साइज डिपार्टमेंट के कुछ अधिकारी भी क्राइम ब्रांच की लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। यह है मामला

बता दें कि 17 जुलाई को वैट ट्रिब्यूनल की कोर्ट यूटी प्रशासन में लगी थी। चंडीगढ़ की कंपनी मैसर्ज इंडो स्विफ्ट का केस उनकी कोर्ट में लगा था। कंपनी की ओर से उनका वकील पेश हुआ था। केस के अनुसार एक्साइज विभाग ने उनके सभी मामले की स्क्रूटनी कर वैट पाच करोड़ 90 लाख 54 हजार 342 रुपये निकाला। एडवाइजर परिमल राय द्वारा स्टेटस पूछने पर कंपनी के वकील ने बताया कि उनका मामला एक्साइज डिपार्टमेंट द्वारा पाच हजार रुपये टैक्स लेकर 31 मार्च 2015 को निपटा दिया गया। जिसके बाद एडवाइजर ने विजिलेंस को इस केस की जाच के ऑर्डर दिए थे।


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