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आस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के जीत के हीरो शुभमन गिल के पिता बोले- बेटे के बल्ले से चाहिए 100 रन

आस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के जीत के हीरो रहे शुभमन गिल के पिता लखविंदर सिंह का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि बेटा 100 रन बना लेगा लेकिन यह हो न सका। वह चाहते हैं कि बेटा टेस्ट में शतक बनाए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 04:56 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 05:11 PM (IST)
आस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के जीत के हीरो शुभमन गिल के पिता बोले- बेटे के बल्ले से चाहिए 100 रन
पिता के साथ शुभमन गिल। साथ में पीसीए सचिव भी मौजूद हैं।

चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। आस्ट्रेलिया दौरे पर गाबा के ग्राउंड में कंगारू टीम का घमंड टूटते पूरी दुनिया ने देखा। इस मैदान पर आस्ट्रेलिया करीब 30 वर्ष से अजेय था। जोश से लबरेज युवा भारतीय टीम ने इस कार्य को कर दिखाया। भारत की इस जीत में कई युवा सितारे चमके, लेकिन शुभमन गिल ने बल्लेबाजी करते हुए जीत की नींंव रखी थी, जिसे अंत में रिषभ पंत ने सिरे चढ़ाया। आस्ट्रेलिया का किला फतेह करने के बाद भारतीय टीम के सदस्य अपने अपने घर आकर क्वारंटाइन हैंं। ऐसे में शुभमन भी अपने निवास स्थान पर क्वारंटाइन हुए हैंं।

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आस्ट्रेलिया दौरे पर शुभमन की बल्लेबाजी की हर कोई तारीफ हो रही है, लेकिन उनके पिता लखविंदर को शुभमन के बल्ले से 100 रन चाहिए थे। जब शुभमन अंतिम टेस्ट की दूसरी पारी में बल्लेबाजी कर रहे थे तो उनके पिता को भी लग रहा था कि शुभमन का पहला शतक होने के थोड़ा ही वक्त है, लेकिन ऐसा हो न सका और वो 91 रनों पर आउट हुए। इसके बाद उनके पिता की चाह है कि वो शुभमन के बल्ले से सैकड़ा बनता देखना चाहते हैंं।

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इंग्लैड दौरे के लिए हुआ शुभमन का सलेक्शन

इंग्लैंड टीम आगामी सीरीज के लिए भारत के दौरे पर आने वाली है। इस दौरे के लिए पहले दो टेस्ट में शुभमन का सिलेक्शन हुआ है।ऐसे में पिता के सपने को शुभमन अपने ही देश में पूरा कर सकते है और उनके पास मौका भी होगा। हालांकि 91 रन पर आउट होने का शुभमन को भी मलाल है। उन्होंने बताया कि वो जिस गेंद पर आउट हुए वो गेंद आउट होने वाली नहीं थी। अगर वो शतक बनाते तो उसके बाद रन आराम से बनते क्योंकि वहां की कंडीशन बल्लेबाजी के लिए बन चुकी थी।

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चुनौती थी सीरिज जीतना

शुभमन ने कहा कि यह सीरिज जीतना पूरी टीम के लिए चुनौती था। जिस तरह से भारतीय टीम पहले टेस्ट में 36 रनों पर आउट हुई थी, उसके बाद वापसी करने के लिए टीम को हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ देना था। खिलाड़ियों को इंजरी होने से भी टीम पर काफी दवाब था, लेकिन गाबा की जीत एतिहासिक है, क्योंकि 30 वर्ष भारतीय शेरों ने कंगारूओं का शिकार कर सीरिज अपने नाम की।

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युवी से मिली टिप्स से मैच में हुआ फायदा

शुभमन ने पीसीए में योगराज सिंह और युवराज सिंह के साथ चार महीने तक समय बिताया। इस दौरान शुभमन को युवी से काफी टिप्स भी मिले, जिसका फायदा उन्हें आस्ट्रेलिया दौरे पर हुआ। युवराज की तरह ही शुभमन को भी तेज खेलना पसंद है। ऐसे में उन्होंने कहा कि कैंप के दौरान युवी और योगराज ने जो भी टिप्स दिए थे, वो मैदान में कारगर साबित हुए।

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