काऊ सेस लगा, टैक्स बढ़ा, फिर भी वित्तीय संकट बरकरार
प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स के रेट के अलावा काऊ और बिजली सेस लगाया।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : नगर निगम की वित्तीय हालत को मजबूत करने के लिए शहरवासियों पर प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स के रेट के अलावा काऊ और बिजली सेस लगाया। जो एक अप्रैल से लागू हो गया है। फरवरी माह में जब नए वित्तीय सत्र के लिए बजट पास किया गया तो ऐसा लग रहा था कि इस साल वित्तीय संकट नहीं आएगा और विकास के काम होंगे लेकिन इस कोरोना के कारण नगर निगम में अभी से वित्तीय संकट आ गया है। नगर निगम कमिश्नर ने मेयर को इसकी जानकारी देते हुए अधिकारियों को स्पष्ट कह दिया है कि सिर्फ जरूरी काम के लिए फंड को देखते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। नगर निगम के पास शहर की सड़कों की हालत सुधारने और सेक्टर-39 वाटर वर्क्स में स्टोरेज टैंक बनाने के लिए 18 करोड़ रुपये का फंड है। इन कामों पर ही ध्यान देने के लिए कहा गया है। ग्रांट इन एड में 20 फीसद कटौती
कोरोना के कारण प्रशासन ने पास ग्रांट इन एड पर 20 प्रतिशत की कटौती लगा दी है। ऐसे में अब नगर निगम सिर्फ कर्मचारियों को ही पूरा साल वेतन दे पाएगा। अगर इस फंड और होने वाले कमाई से नगर निगम ने विकास के काम किए तो कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में लाले पड़ेंगे। कोरोना में हर दिन पांच लाख रुपये का खर्चा
इस समय इस कोरोना की लड़ाई में हर दिन नगर निगम का पांच से छह लाख रुपये का खर्चा हो रहा है। जिससे कर्मचारियों को पीपीई किट और शहर को सेनिटाइज करने में खर्चा हो रहा है। इसके लिए भी कोई अतिरिक्त फंड नहीं मिला। यह खर्चा आने वाले दो माह तक जारी रहेगा।
शराब पर भी देना पड़ रहा सेस
एक अप्रैल से शहर में काऊ सेस लग गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार नए वाहनों से सेस रीजनल लाइसेंस अथॉरिटी, बिजली से सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर (बिजली), शराब और बीयर से आबकारी एवं कराधान विभाग इकट्ठा करके नगर निगम को देगा। अभी नए वाहन की बिक्री नहीं हुई है। लेकिन बिजली और शराब से काऊ सेस नगर निगम को आएगा। गोसेस चार्ज करने से नगर निगम को 20 करोड़ रुपये की सालाना कमाई होने की उम्मीद है। एक अप्रैल से हाउस और प्रॉपर्टी टैक्स का रेट भी बढ़ गया है। 425 ग्रांट में से मिलेंगे 340 करोड़
केंद्र सरकार की ओर से फरवरी माह में नगर निगम को पूरे सत्र के लिए 425 करोड़ रुपये की ग्रांट पास की गई। 20 प्रतिशत की कटौती लगने से अब एमसी को 85 करोड़ रुपये की ग्रांट कम मिलेगी। जबकि अब 20 प्रतिशत की कटौती लगने से घाटा और बढ़ गया है। पूरे साल कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए नगर निगम 525 करोड़ रुपये चाहिए। बजट पास करते समय नगर निगम ने अपनी सलाना कमाई 397 करोड़ रुपये होने का दावा किय था। उसमें 110 करोड़ रुपये की राशि बढ़े हुए पानी के रेट के भी शामिल किए गए थे लेकिन पानी के रेट बढ़ाने की अभी प्रशासन ने अधिसूचना रोक ली है। आपदा की स्थिति का सभी निजी और सरकारी संस्थाओं की आर्थिक स्थिति पर फर्क पड़ रहा है। ऐसे में अधिकारियों को सिर्फ उन कामों को ही करने के लिए कहा गया है जिनकी आवश्यकता है।
-केके यादव, एमसी कमिश्नर हालात सुधरने पर अतिरिक्त फंड की व्यवस्था की जाएगी। इस समय हर कोई इस कोरोना को भगाने में लगा हुआ है।
-राजबाला मलिक, मेयर