कुख्यात गैंगस्टर के लिए एंबुलेंस में बना कोर्ट रूम, जजों ने इस कारण उठाया यह कदम
चंडीगढ़ और मोहाली में कुख्यात गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह ढाहा के लिए एंबुलेंस में कोर्ट रूम बना आैर जजों ने वहीं सुनवाई की। दिलप्रीत कोर्ट रूम में जाने की हालत में नहीं था।
जेएनएन, चंडीगढ़/मोहाली। कुख्यात गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह ढाहा के मामले में सुनवाई के लिए जज कोर्ट रूम से बाहर आ गए। यह वाक्या एक नहीं दाे अदालतों में हुआ और दिलप्रीत के लिए एंबुलेंस में ही कोर्ट रूम बन गया। पहले ऐसा चंड़ीगढ़ की जिला अदालत परिसर में हुआ और बाद में यही सीन मोहाली की जिला अदालत में दोहराया गया। दरअसल, दिलप्रीत की टांग में पुलिस मुठभेड़ के दौरान गाेली लगी थी और वह चलने-फिरने की हालत में नहीं है। उसे रिमांड अवधि समाप्त होने पर कोर्ट में पेश किया जाना था।
पुलिस मुठभेड़ में दिलप्रीत सिंह ढाहा को टांग में लगी थी गोली, चलने-फिरने की हालत में नहीं है
दिलप्रीत को पहले चंडीगढ़ की अदालत लाया गया और फिर वहां से माेहाली की अदालत ले जाया गया। उसे पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान वह घायल हो गया था और उसे टांग में चोट लगी थी। उसे दो दिन के रिमांड पर चंडीगढ़ पुलिस ने लिया था। उसका पहले पीजीआइ और फिर सेक्टर 32 स्िथत जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था।
पहले चंडीगढ़ जिला कोर्ट परिसर और फिर मोहाली कोर्ट परिसर में जजों ने एंबुलेंस में की सुनवाई
दिलप्रीत का दो दिन का रिमांड समाप्त होने के बाद उसे मंगलवार को अदालत में पेश किया जाना था। ऐसे में उसे जीएमसीएच से दोपहर बाद करीब तीन बजे छुट्टी दिलाकर एंबुलेंस से चंडीगढ़ की जिला अदालत लाया गया। उसकी हालत ऐसी नहीं थी कि उसे कोर्ट रूम में ले जाया जा सके।
यह बात मामले की सुनवाई करने वाले जज ईमानवीर सिंह धारीवार को बताई गई। इस पर जज साहब खुद ही कोर्ट रूम से बाहर आ गए और कोर्ट परिसर में खड़ी एंबुलेंस को ही कोर्ट रूम बना दिया। वहां इस मामले पर सुनवाई के दौरान जज ने दिलप्रीत का बयान सुना। चंडीगढ़ पुलिस द्वारा उसका रिमांड नहीं मांगे जाने पर उसे प्रोडक्शन वारंट पर मोहाली पुलिस के हवाले कर दिया गया।
इसके बाद उसे मोहाली जिला अदालत परिसर ले जाया गया और वहां भी स्पेशल ड्यूटी मजिस्ट्रेट रमनदीप कौर ने नीचे आकर दिलप्रीत ढाहा से बातचीत की। एंबुलेंस को कोर्ट में तब्दील कर दिया गया और ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने सुनवाई की। उसे स्पेशल डयूटी मजिस्ट्रेट ने 23 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
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ड्यूटी मजिस्ट्रेट रमनदीप कौर ने पुलिस को हिदायत दी कि दिलप्रीत को मेडिकल सुविधाएं व कानूनी सहायता भी दी जाएं। उसके बाद भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में गैंगस्टर को फेज-छह स्थित मोहाली अस्पताल ले जाया गया। यहां ढाहा को ड्यूटी पर मौजूद डॉ. परमिंदर ने चेकअप के बाद अस्पताल की पहली मंजिल पर शिफ्ट करवा दिया। ढाहा को कड़ी सुरक्षा में पहली मंजिल पर एक प्राइवेट रुम में रखा गया है। बुधवार सुबह सीनियर डॉक्टरों की टीम दिलप्रीत का चेकअप किया।
एंबुलेंस में सुनवाई के दौरान गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह ढाहा।
बता दें कि दिलप्रीत पर हत्या और जबरन वसूली के अनेक मामले दर्ज हैं। उस पर मशहूर पंजाबी गायक परमीश वर्मा पर हमला करने और एक सरपंच की हत्या का भी आरोप है। दिलप्रीत नाम बदलकर चंडीगढ़ में रह रहा था। वह यहां अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रह रहा था। उसकी दूसरी गर्लफ्रेंड नवांशहर में रह रही थी अौर वह उससे भी मिलता रहता था।
ऐसे में पकड़ा गया था दिलप्रीत
दिलप्रीत कई पंजाबी गायकों को धमकी दे चुका था और मशहूर गायक परमीश वर्मा पर हमला किया था। वह सरपंच सतनाम हत्याकांड में वांछित था। चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम बांच की टीम ने उसे मुठभेड़ के बाद 9 जुलाई को गिरफ्तार किया था। सेक्टर-43 स्थित अंतरराज्यीय बस के निकट हुई मुठभेड़ के दौरान दिलप्रीत को गोली लगी और वह मौके पर ही गिर गया। इसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया।
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9 जुलाई की सुबह क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि दिलप्रीत चंडीगढ़ में है। टीम ने कार से जा रहे दिलप्रीत को रुकने को कहा, लेकिन वह कार तेज गति से भगाने लगा। टीम ने भी उसके पीछे गाड़ी लगाई और उसकी कार को टक्कर मारी।
गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह ढ़ाहा को सेक्टर 32 जीएमसीएच से ले जाते कर्मी।
पुलिस से खुद को घिरा देख दिलप्रीत ने क्राइम ब्रांच की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में क्राइम ब्रांच की टीम ने भी उस पर फायर किया। इसमें उसे दो-तीन गोलियां लगीं। इससे वह गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर गया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और इलाज के लिए पीजीआइ में भर्ती कराया।
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बता दें, इसी वर्ष 14 अप्रैल को पंजाबी गायक परमीश वर्मा पर जानलेवा हमला हुआ था। परमीश पर मोहाली के सेक्टर 91 में कार सवार बदमाशों ने गोलियां चलाई थी। हमले में वह बाल-बाल बच गए थे। इस घटना की जिम्मेदारी दिलप्रीत ने ली थी। इस हमले के बाद दिलप्रीत ने फेसबुक अकाउंट पर रिवॉल्वर के साथ एक फोटो शेयर की थी। साथ ही धमकी दी थी कि इस बार तो बच गया, लेकिन आने वाले वक्त में नहीं बच पाएगा।
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दो बहनों के साथ रह रहा था लिव इन रिलेशन में
दिलप्रीत ढाहा अय्याश था और नाम बदलकर दो लड़कियों के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहा था। दाेनों लड़कियां आपस में बहनें हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर 38 में वह एक गर्लफ्रेंड के साथ पिछले आठ माह से नाम बदलकर रह रहा था। यहां किराये पर ली गई कोठी में रह रहा था और यह कोठी उसकी एक गर्लफ्रेंड ने किराये पर ली थी।
गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह ढाहा की दाेनों गर्ल फ्रेंड (मुंह ढ़के हुए)
दिलप्रीत की दोनों गर्लफ्रेंड ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासा किए। उन्होंने बताया कि दिलप्रीत नवंबर 2017 से गगनदीप सिंह के नाम से यहां रह रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ढाहा अपनी गर्लफ्रेंडों में सबसे पहले 2016 में बड़ी बहन के संपर्क में आया। युवती से उसने दोस्ती की और अन्य गैंगस्टरों के साथ उसे मिलवाया। उसके बाद वह उसकी छोटी बहन से भी मिला। वह ढाहा को इतनी पसंद आई कि उसने चंडीगढ़ में नवंबर 2017 में उसे घर किराये पर दिला दिया और उसके साथ आकर रहने लगा। इस बीच वह बड़ी बहन के पास भी आता-जाता रहता। हालांकि दोनों बहनों का कहना है कि वे अपनी मर्जी से ढाहा के साथ रह रही थीं। ढाहा ने दूसरी गर्लफ्रेंड के साथ रहने के लिए बीते वर्ष केश कत्ल करवाए थे।
सूत्रों के अनुसार, दिलप्रीत की दूसरी वाली गर्लफ्रेंड पहले लुधियाना में जॉब करती थी। वह चार महीने पहले ही लुधियाना से चंडीगढ़ शिफ्ट हुई थी। ढाहा अकसर रात को ही उसके पास आता जाता था। वह शादीशुदा थी और शादी के कुछ समय बाद ही तलाक हो गया था। उसके भी दो छोटे बच्चे भी हैं। उसने चंडीगढ़ में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की है और उसका खुद का आइटी का काम था। ढाहा की बड़ी गर्लफ्रेंड के पति की मौत नौ साल पहले हो गई थी और उसके भी दो बच्चे हैं। उसके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं। वह इन दिनों नवांशहर बुटीक चला रही थी, जहां ढाहा का आना जाना था।