खर्च में फिसड्डीः हर साल मिलते हैं 40 लाख, आठ पार्षद नहीं खर्च कर पाए 20 से 37 लाख रुपये
चंडीगढ़ नगर निगम के आठ पार्षद हर साल मिलने वाले 40 लाख रुपये भी पूरी तरह खर्च नहीं कर पाए हैं। इनमें डिप्टी मेयर विनोद अग्रवाल भी शामिल हैं।
चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। नगर निगम के सदन ने वितीय संकट दूर करने के लिए शहरवासियों पर नए टैक्स और पानी के बिल का रेट बढ़ा दिया है लेकिन पार्षद वार्ड डवलेपमेंट फंड खर्च में ही फिसड्डी साबित हुए हैं। नगर निगम के कुल 26 पार्षद हैं। इनमें से 8 ऐसे हैं जिनके वार्ड डवलेपमेंट फंड में अब भी 20 से लेकर 37 लाख रुपये तक बचे हैं। जबकि साल समाप्त होने जा रहा है।
बता दें कि प्रत्येक वर्ष प्रत्येक पार्षद को 40 लाख रुपये वार्ड डवलेपमेंट के तौर पर मिलते हैं। नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर गुरप्रीत सिंह ढिल्लो के डवलेपमेंट फंड में सबसे ज्यादा 37.35 लाख बचे हैं जबकि भाजपा पार्षद राजेश कुमार के वार्ड डवलेपमेंट फंड में 36.88 लाख रुपये की राशि बची है। छह पार्षद ऐसे हैं जिनके पास इस समय 15 से 20 लाख रुपये की राशि बची है। यह तब है जब शहर का कोई वार्ड ऐसा नहीं जिसमे कोई समस्यां न हो। लोगों का कहना है कि पार्षद सिर्फ राजनीति करने में आगे हैं।
वहीं, पार्षदों का कहना है कि इस साल की शुरुआत में नगर निगम के पास फंड की भारी कमी थी जिस कारण अधिकािरयों ने उन्हें शुरू में फंड नहीं रिलीज किया। चंद पार्षदों का यह भी कहना है कि उन्होंने काम करने के लिए अधिकािरियों को कहा हुआ है लेकिन वह काम ही नहीं शुरू करवा रहे हैं।
पार्षद फंड से जल्दी होता है काम
पार्षद वार्ड डवलेपमेंट फंड से जल्दी काम होता है क्योंकि इसके लिए काम के प्रस्ताव को पास करवाने के लिए सदन में ले जाने की जरूरत नहीं है। पार्षदों को सिर्फ काम करवाने की लेटर चीफ इंजीनियर को देनी होती है। उसके बाद टेंडर अलाट करके काम करवा दिया जाता है। जबकि सदन में प्रस्ताव लाने, पास करवाने और टैंडर प्रक्रिया शुरू करने में 4 से छह माह लग जाते हैं। हालांकि बचा हुआ डवलेपमेंट फंड अगले साल मिलने वाले नए फंड में शामिल हो जाता है।
डिप्टी मेयर सहित सिर्फ 4 पार्षद खर्च में आगे
ऐसे सिर्फ 4 ही पार्षद है जिन्होंने अपना पूरा फंड खर्च किया है। इनमें डिप्टी मेयर विनोद अग्रवाल, पूर्व मेयर आशा जसवाल, रवि कांत शर्मा और भरत कुमार शामिल है। यहां तक कि इन पार्षदों ने अगले साल मिलने वाले फंड से 4 लाख की राशि एडवांस भी ले ली है।
शुरूवाती महीनों में वितीय संकट जरूर था लेकिन वह प्रशासन से इस साल 132 करोड़ की राशि लेकर आए ऐसे में अब नग निगम में बजट की कोई कमी नहीं है।पार्षदों का बचा हुआ फंड नए साल में मिलने वाले फंड में ट्रांसफर हो जाएगा।
-देवेश माेदिगल, मेयर।
मेयर के वार्ड में भी बचे हैं 10 लाख
मेयर देवेश मोदगिल के पार्षद डवलेपमेंट फंड में 10 लाख की राशि बची है। जबकि मेयर के तौर उन्हें दो करोड़ की राशि भी मिली है जो कि शहर के विकास के काम के लिए मिलती है। लेकिन यह राशि मेयर अपने निर्वाचित पार्षद वाले वार्ड में नहीं खर्च कर सकता है।मेयर का दावा है जो जो काम इस फंड से करवाए जा रहे हैं वह सभी प्रोसेस में हैं।
किस किस पार्षद के फंड में कितनी बची है राशि
वार्ड नंबर पार्षद बचा हुआ फंड अब तक (लाख में)
1 महेश इंद्र सिद्धू 19.39
2 राज बाला मलिक 17.25
3 रवि कांत शर्मा 1.23
4 सुनीता धवन 8.83
5 शीला देवी 3.89
6 फरमिला 19.05
7 राजेश कुमार 36.88
8 अरुण सूद 31.28
9 गुरुबख्श रावत 21.11
10 हरदीप सिंह 5.84
11 सतीश कैंथ 34.57
12 चंद्रवती शुक्ला 5.91
13 हीरा नेगी 23.66
14 कंवरजीत राणा 15.81
15 रविंदर कौर गुजराल 5.92
16 आशा कुमार जसवाल 0.25
17 देवेंद्र सिंह बबला 25.25
18 दलीप शर्मा 8.18
19 शकित देव शाली 20.18
20 गुरप्रीत सिंह 37.35
21 देवेश मोदगिल 10.33
22 भरत कुमार 2.06
24 अनिल कुमार दूबे 5.62
25 जगतार सिंह 18.41
26 विनोद अग्रवाल 1.98