दोषी करार देने के बाद एसआइ बर्खास्त
नीलम चौकी में तैनात रहते हुए आपराधिक षडयंत्र रचने और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया था संजीव को।
चंडीगढ़ : नीलम चौकी में तैनात रहते हुए आपराधिक षडयंत्र रचने और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी करार दिए जाने के बाद यूटी पुलिस के सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार को बर्खास्त कर दिया गया। सीबीआई कोर्ट ने उसे व सेक्टर-17 मार्केट के पूर्व प्रधान सुभाष कटारिया को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई थी। मामलें में तीन साल से कम सजा होने पर दोनों ने 25-25 हजार रुपये के बेल बॉन्ड पर जमानत ली थी। उसके बाद संजीव ने जिला अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की। अब विभाग द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेशों के खिलाफ वह हाईकोर्ट में अपील करते हुए स्टे के लिए याचिका दायर लगाएंगे। 7 नवंबर 2008 को 50 हजार रुपये रिश्वत लेने के इस मामले में तीसरा आरोपित रमेश चंद रिटायर हो चुका है। उसे सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। यह है मामला
अरविंद कुमार पाडे ने अपना बूथ गारमेंट डीलर दीनानाथ मिश्रा को किराए पर दिया था। पाडे और मिश्रा में अक्तूबर 2008 में बूथ को लेकर झगड़ा हुआ। तीन नवंबर 2008 को उनका समझौता हुआ और कोर्ट का फैसला आने तक बूथ की चाबिया मार्केट प्रधान सुभाष कटारिया के पास रहना तय हुआ। यह समझौता एसआई संजीव कुमार की मौजूदगी में हुआ। पाडे ने 5 नवंबर को संजीव कुमार और कटारिया के खिलाफ सीबीआई को शिकायत दी। कहा कि ये दोनों मामला सेटल करने और बूथ खाली करवाने के लिए 50 हजार रुपये रिश्वत की माग कर रहे हैं। शिकायत पर 7 नवंबर 2008 को सीबीआई ने ट्रैप लगा कर दोनों को गिरफ्तार किया।