भ्रष्ट अफसरों, हत्यारों और दुष्कर्मियों को मिली सजा
2019 अपने कठोर फैसलों के लिए अहम रहा।
राजन सैनी, चंडीगढ़ : 2019 अपने कठोर फैसलों के लिए अहम रहा। इस वर्ष जहां हत्यारों, भ्रष्ट अफसरों और दुष्कर्मियों पर कई साल से चल रहे केसों का निपटारा करते हुए उन्हें दोषी करार देते हुए जिला अदालत ने सख्त सजा सुनाई। अपने फैसलों में जिला अदालत ने कठोर टिप्पणियां भी की। वहीं, कई केस ऐसे भी रहे जो काफी वर्षो से चल रहे थे और जिनमें याचिकाकर्ताओं को राहत मिली। ऐसे केस भी इस वर्ष देखने को मिले जो कई वर्षो से सिर्फ उच्च अधिकारियों की इजाजत नहीं मिलने से ट्रायल ही शुरू नहीं हो पा रहा था। लेकिन इस साल वह शुरू हुए। इस वर्ष जिला अदालत द्वारा किए गए बड़े फैसलों पर रिपोर्ट। 14 अगस्त, 2019 : ऑटो में सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को मरने तक जेल
दोषियों ने भारतीय समाज से जुड़ी पवित्रता को नष्ट कर दिया और ऐसे घिनौने अपराध को अंजाम दिया जिससे समाज पर बुरा असर पड़ता है। दोनों अपराधी शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी हैं। इसके बावजूद उन्होंने एक लड़की को इस हद तक तबाह कर दिया है कि वह समाज में विश्वास खो चुकी है और बाहर आने या किसी भी पुरुष से बात करने के दौरान उसे डर लगेगा। ऐसे दोषियों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए और उनके प्रति कोई भी उदारता नहीं दिखाई जानी चाहिए। यह टिप्पणी जिला अदालत में जज पूनम आर जोशी ने उस समय की जब उन्होंने तीन दिसंबर, 2016 की रात को सेक्टर-29 स्थित जंगल एरिया में एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले मोहम्मद इरफान (28) निवासी अंबेडकर नगर, यूपी और कमल हसन को ताउम्र जेल की सजा सुनाई थी। बता दें कि मोहम्मद इरफान को पहले भी एक सामूहिक दुष्कर्म मामले में ताउम्र जेल में रहने की सजा हो चुकी है। 20 नवंबर, 2019 : आकांक्ष सेन हत्या मामले के दोषी हरमेहताब को ताउम्र जेल
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी के भतीजे आकांक्ष सेन की नौ फरवरी, 2017 में सेक्टर-9 में कार से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस को एक ही हत्यारे हरमेहताब को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल हुई जबकि दूसरा हत्यारा बलराज सिंह रंधावा अभी भी फरार है। अदालत ने दोषी हरमेहताब को इस मामले में इसी साल 20 नवंबर को ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई और तीन लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। 21 दिसंबर, 2019 : गला रेतकर हत्या करने वाले दोषी को मरते दम तक जेल
मूल रूप उत्तराखंड के जिला नैनीताल के गांव तल्लीताल के रहने वाले सूरज गिरि गोस्वामी को जिला अदालत ने मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उस पर 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था। सूरज पर आरोप सिद्ध हुए थे कि उसने सेक्टर-17 स्थित एसबीआइ ब्रांच के बरामदे में एक रिक्शा चालक और यूपी निवासी सुखराज की गला रेतकर हत्या कर चुका है। सेक्टर-17 थाना पुलिस ने 29 मई, 2019 को मामला दर्ज कर 16 जून को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया था कि सूरज ने सुखराज का सामान चोरी करने की नीयत से इस वारदात को अंजाम दिया था। 26 अगस्त, 2019 : आठ साल बाद एमपी रवनीत सिंह बिट्टू हुए बरी
कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू पजांब के लुधियाना शहर से एमपी हैं। जेएमआइसी जज सचिन त्यागी की कोर्ट ने उन्हें आठ साल बाद धारा-144 के उल्लघंन करने के मामले में बरी किया था। बिट्टू पर अभियोजन पक्ष केस को साबित नहीं कर पाया था। 17 मार्च, 2011 को बिट्टू अपने समर्थकों के साथ पीजीआइ के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। उस समय डीसी ने धारा-144 लागू की हुई थी। लेकिन बिट्टू अपने समर्थकों के साथ पीजीआइ में चले गए और वहां भी प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद उन पर पीजीआइ चौकी इंचार्ज इरम रिजवी की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था।